Bhopal News: डेढ़ दशक वनवास के बाद जैसे-तैसे प्रदेश की सत्ता में काबिज हुई कांग्रेस की सरकार महज डेढ़ साल के कार्यकाल में ही 'ऑल आउट' हो गई थी. कांग्रेस की कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Government) अपने ही विधायकों द्वारा 'हिट विकेट' किए जाने से प्रदेश की सत्ता से बाहर हो गई थी. कांग्रेस सरकार को प्रदेश की सत्ता से दूर हुए पूरे तीन साल हो गए हैं. कांग्रेस के तत्कालीन कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के 22 कांग्रेस विधायक समर्थकों ने सरकार को इस्तीफा दे दिया था और सरकार गिर गई थी.


अब से तीन साल पहले 10 मार्च 2020 को प्रदेश की सियासत में जबरदस्त घटनाक्रम घटित हुआ था. यह सियासी घटना क्रम पूरे 17 दिन तक चला था. इस घटनाक्रम के बाद प्रदेश की सत्ता में काबिज कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को सत्ता से हाथ धोड़ा पड़ा था. यह सारा घटनाक्रम कांग्रेस के तत्कालीन नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की वजह से हुआ था. ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर विधायकों ने कांग्रेस सरकार को इस्तीफा दे दिया था. इस्तीफा देने के बाद इन सभी 22 विधायकों ने अपने फोन बंद कर अज्ञातवाश पर बेंगलुरु (Bengaluru) चले गए थे. इन 22 विधायकों में छह मंत्री भी शामिल थे. 


इन 22 विधायकों ने किया था हिट विकेट


अपनी सरकार के खिलाफ जिन 22 विधायकों ने हिट विकेट किया था उनमें प्रधुम्र सिंह तोमर, रघुराज कंसाना, कमलेश जाटव, रक्षा संत्राव, जजपाल सिंह जज्जी, इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी, तुलसी सिलावट, सुरेश धाकड़, महेन्द्र सिंह सिसोदिया, ओपीएस भदौरिया, रणवीर जाटव, गिरराज दंडोतिया, जसवंत जाटव, गोविंद सिंह राजपूत, हरदीप डंग, मुन्नालाल गोयल, ब्रिजेंद यादव, मोहन सिंह राठौड़, बिसाहूलाल सिंह, ऐदल सिंह कसाना और मनोज चौधरी शामिल थे. 


कमलनाथ और सिंधिया में मनमुटाव की वजह


कमलनाथ और सिंधिया के बीच आपसी मनमुटाव की वजह वचनपत्र और सिंधिया का बयान था. सिंधिया ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि वचनपत्र के वाधे पूरे नहीं हुए तो वे सडक़ पर उतरेंगे, उनके बयान के बाद प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि था उतर जाएं. बस यही से दोनों ने नेताओं में मनमुटाव की शुरुआत हो गई थी और इस मनमुटाव का अंत सरकार गिरने के साथ खत्म हुआ. 


सीहोर के होटल में रुके थे भाजपा विधायक


इधर 17 दिन मप्र में चले सियासी घटनाक्रम के दौरान भाजपा के विधायक सीहोर के ग्रेसेस होटल में रहे थे. यहां शिवराज सिंह चौहान ने अपने विधायकों के साथ जमकर क्रिकेट खेलकर आनंद लिया था. सीहोर के होटल से निकलकर सीधे भोपाल पहुंचकर विधायकों ने विधानसभा में वोटिंग की और कांग्रेस की सरकार गिर गई, फिर पुन: डेढ़ साल के अंतराल के बाद प्रदेश की सत्ता में भाजपा की सरकार काबिज हो गई थी.


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