कौन हैं पंडित प्रदीप मिश्रा, जिन्हें सुनने के लिए जुटती है हजारों भक्तों की भीड़
Pandit Pradeep Mishra: पंडित प्रदीप मिश्रा एक प्रसिद्ध कथावाचक और भजन गायक हैं. पंडित मिश्रा हमेशा सुर्खियों में छाए रहते हैं. पंडित मिश्रा अपने आध्यात्मिक मार्गदर्शन के लिए जाने जाते हैं.
Pandit Pradeep Mishra News: कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा (Pradeep Mishra) हमेशा सुर्खियों में छाए रहते हैं. कभी अपने बयानों की वजह से तो कभी अपने कथा की वजह से. पंडित मिश्रा एक बार फिर सुर्खियों में छा गए हैं. दरअसल यूपी के मेरठ में शुक्रवार को पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा में भारी भीड़ जुटने के कारण कुछ महिलाओं के घायल होने की खबर सामने आई है.
हालांकि जिला और पुलिस प्रशासन ने उन खबरों का पूरी तरह खंडन किया है जिसमें इस घटना को भगदड़ बताया गया. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विपिन टाडा ने भगदड़ की बात से इनकार किया है. हालांकि कथा के माध्यम से मध्य प्रदेश के 'सीहोर वाले बाबा' (पंडित प्रदीप मिश्रा) एक बार फिर सोशल मीडिया पर वायरल हो गए.
कौन हैं पंडित प्रदीप मिश्रा
पंडित प्रदीप मिश्रा देश के साथ-साथ विदेशों में भी प्रसिद्ध हैं. इनके कथा का आयोजन भारत के विभिन्न राज्यों के साथ साथ विदेशों में भी होता है. वहीं मध्य प्रदेश में नियमित तौर पर कथा का आयोजन किया जाता है. पंडिता प्रदीप मिश्रा कथावाचक के साथ-साथ एक भजनगायक भी हैं. वे एक आध्यात्मिक गुरु हैं. अपने कथा के माध्यम से वे लोगों को सही मार्ग पर चलने के लिए मार्गदर्शन करते हैं. साथ ही लोगों के जीवन की समस्याओं को लेकर समय समय पर उपाय भी बताते हैं.
निजी परिचय पर डालें एक नजर
पंडित प्रदीप मिश्रा का जन्म 1977 में मध्य प्रदेश के सीहोर में हुआ था. उनके पिता का नाम रामेश्वर दयाल मिश्रा था. पंडित मिश्रा को स्थानीय लोग सीहोर वाले बाबा के नाम से भी जानते हैं. इनके दो भाई हैं, दीपक मिश्रा और विनय मिश्रा. साल 2004 में पंडित मिश्रा की शादी हुई थी. इनके दो बेटे हैं, इनके नाम माधव मिश्रा और राघव मिश्रा हैं. पंडित मिश्रा ने स्नातक की डिग्री हासिल की है, साथ ही इन्होंने धार्मिक ग्रंथों का गहन अध्ययन भी किया है.
जीवन के शुरुआती दिनों में अपने गांव में वे शिक्षक के रूप में पढ़ाते थे. साथ ही बचपन से ही अपने पिता के साथ पूजा और भागवत कथाओं में हिस्सा लेने भी जाते थे. फिर धीरे-धीरे कथा और प्रवचन की तरफ इनका झुकाव बढ़ता गया. इसके बाद इन्होंने शिक्षक की नौकरी छोड़ दी और पूरी तरह से कथा और प्रवचन से जुड़ गए. आज यूट्यूब और फेसबुक पर लाखों की संख्या में इनके फॉलोवर्स मौजूद हैं.
यूपी में क्या हुआ
मेरठ के जिलाधिकारी दीपक मीणा ने कहा कि जानकारी के अनुसार समागम के प्रवेश द्वार के पास भीड़ जुट गई और इस दौरान एक-दो महिलाएं गिर गईं, जिनकी तुरंत मदद की गई. फिलहाल किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। मौके पर पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात किया गया है. नगर पुलिस अधीक्षक आयुष विक्रम सिंह ने एक बयान में कहा कि परतापुर क्षेत्र में प्रदीप मिश्रा के कार्यक्रम में भगदड़ की सूचना गलत है. उन्होंने कहा कि भगदड़ नहीं मची है. यहां पर शांति-व्यवस्था कायम है. पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद हैं.
राधारानी पर दिए बयान ने बंटोरी थी सुर्खियां
इससे पहले कथावाचक प्रदीप मिश्रा राधा रानी को लेकर दिए बयान की वजह से कई हफ्तों तक सुर्खियों में छाए रहे. बयान की वजह से प्रेमानंद महाराज से विवाद हो गया था. बाद में पंडित मिश्रा को मथुरा पहुंचकर बृजवासियों से माफी मांगनी पड़ी. इसके बाद मामले का निपटारा हो गया.
प्रदीप मिश्रा ने बरसाना पहुंचने पर एबीपी न्यूज से बातचीत में कहा था, ''श्री राधा रानी के चरणों में आज यहां पर आना हुआ. खुद लाडली जी ने इशारा करके बुलाया. माता राधा रानी के दर्शन हुए. मेरी वाणी और मेरे शब्दों से किसी को अगर चोट पहुंची है तो मैं क्षमा चाहता हू्ं. राधा रानी, किशोरी जी से क्षमा चाहता हूं. ब्रजवासियों को अगर मेरे शब्दों और वाणी से''.
पंडित प्रदीप मिश्रा ने क्या कहा था
पंडित प्रदीप मिश्रा ने एक प्रवचन के दौरान कहा था, राधा बरसाना की नहीं बल्कि रावल गांव की रहने वाली थीं. बरसाना में उनके पिता का दरबार था और वह साल में एक बार वहां जाती थीं. उन्होंने यह भी कहा कि राधा का नाम भगवान कृष्ण की रानियों में नहीं है. उनके पति में श्री कृष्ण का नाम नहीं है. राधा के पति का नाम अनय घोष, उनकी सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था. उन्होंने दावा किया कि राधा का विवाह छात्रा गांव में हुआ था. पंडित मिश्रा के इस बयान के बाद संत समाज भड़क उठा था.
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