MP Congress Meeting: मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश स्तरीय राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक बुलाई. इस बैठक में वर्चुअल रूप से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन सहित कांग्रेस के कई नेता जुड़े. इसके बाद बातचीत का दौर शुरू हुआ. मीटिंग में एमपी कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी भी शामिल थे.


जब मीटिंग शुरू हुई तो पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपना विरोध दर्ज कराते हुए कहा, ''वर्तमान समय में जो कुछ हो रहा है उस संबंध में वरिष्ठ नेताओं से कोई सलाह मशविरा नहीं लिया जा रहा है". 


20 मिनट बाद ही मीटिंग छोड़ दी


पार्टी सूत्रों के मुताबिक जब पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी बात को रखा तो पूर्व CM दिग्विजय सिंह ने भी उनका समर्थन कर दिया. इसके बाद मीनाक्षी नटराजन भी दोनों दिग्गज नेताओं के समर्थन में कूद पड़ीं. इस मीटिंग के 20 मिनट के भीतर‌ ही दोनों वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने खुद को मीटिंग से अलग करते हुए लेफ्ट कर दिया.


यह मामला जब मीडिया में सामने आया तो पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को सफाई देनी पड़ी. कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मुकेश नायक का कहना है कि जो मीडिया में खबर आई थी वह निराधार है, इसलिए पूर्व CM कमलनाथ ने इस बात की पुष्टि सोशल मीडिया के माध्यम से की है. कांग्रेस के सभी नेताओं के बीच अच्छा खासा समन्वय है.






पूर्व CM कमलनाथ का छलका दर्द


वरिष्ठ पत्रकार सुनील जैन के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ लंबे समय से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. उन्होंने अपनी बात को पार्टी के बीच अगर उठाया है तो कोई गलत बात नहीं है. कांग्रेस में कुछ नियुक्तियों को लेकर भी कमलनाथ पूर्व में नाराज हो चुके हैं. इसके बाद कुछ नियुक्तियों को निरस्त भी किया गया था. 


 कमलनाथ को हटाकर हुई थी पटवारी की नियुक्ति


मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था. उस समय कमलनाथ के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया था. कमलनाथ को अचानक चुनाव के बाद दिल्ली हाई कमान ने पद से हटा दिया और प्रदेश अध्यक्ष के रूप में जीतू पटवारी की ताजपोशी हो गई. 


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