Madhya Pradesh Covid News: कोरोना की तीसरी लहर में सबसे तेजी से फैलने वाले ओमिक्रोन और डेल्टा प्लस वैरिएंट को उज्जैन जिले में ही नहीं बल्कि संभाग में भी रोकने में महत्वपूर्ण कामयाबी मिली है और यह सब  जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता से यह संभव हो पाया है. इसके पीछे कई ऐसे कारण हैं जिन्हें जानना बेहद जरूरी है. 


कोरोना की तीसरी लहर का प्रभाव उज्जैन संभाग के उन जिलों में कम होता दिखाई दे रहा है जहां पर 15 दिन पहले पीक आ चुका है. इनमें उज्जैन, रतलाम, मंदसौर जिले शामिल है, जबकि देवास, शाजापुर में थोड़े मरीज जरूर बढ़ रहे हैं लेकिन सबसे ज़रूरी बात यह है कि उज्जैन संभाग में ओमिक्रोन और डेल्टा प्लस जैसे खतरनाक वायरस को अधिक संख्या में फैलने से रोक दिया गया. इसके पीछे जब कारणों की पड़ताल की गई तो कई महत्वपूर्ण जानकारियां हाथ लगी.


कोरोना की तीसरी लहर बढ़ने से पहले ही हो चुकी थी तैयारी


उज्जैन संभाग आयुक्त संदीप यादव ने तीसरी लहर के बढ़ने से पहले ही संभाग के कलेक्टर को हिदायत जारी करते हुए स्पष्ट रूप से निर्देश दिए थे कि कोई भी व्यक्ति अगर विदेश से आए तो उसे तुरंत क्वारंटाइन कराते हुए उसका सैंपल कराया जाए. इस आदेश के जारी होते ही स्वास्थ्य विभाग का अमला भी सक्रिय हो गया. महाकालेश्वर मंदिर, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन सार्वजनिक स्थानों पर भी आकस्मिक रूप से सैंपल लिए गए, जिसके चलते भी वायरस को फैलने से रोका गया. 


उज्जैन जिले में 625 लोग विदेश से लौटे


उज्जैन जिले में तीसरी लहर के दौरान अभी तक 625 लोग विदेश से लौटे हैं. इनमें से केवल 8 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं. कोरोना स्पेशलिस्ट डॉक्टर रोनक एलची ने बताया कि विदेश से आने वाले सभी लोगों को 7 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन करते हुए उनका सैंपल लिया गया था. पहले दिन सैंपल लेने के बाद एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग की टीम सातवें दिन उनके घर पहुंची और फिर सैंपल लिया गया. दोनों ही सैंपल नेगेटिव आने वाले लोगों की संख्या 617 रही, जबकि 8 लोग पॉजिटिव आए. जो कि बाद में ठीक हो गए. इसी प्रकार की व्यवस्था उज्जैन संभाग के अन्य जिलों में भी देखने को मिली.


अभी भी अहतियात और सतर्कता जारी 


अभी तक उज्जैन संभाग के रतलाम और मंदसौर में ओमिक्रोन पॉजिटिव मरीज सामने आए है जबकि अभी संभाग में डेल्टा प्लस वैरिएंट की दस्तक नहीं हुई है. यही वजह है कि तीसरी लहर में उज्जैन संभाग में कोरोना कोरोना को काबू करने में अधिक मशक्कत नहीं लगी हालांकि अभी भी एतिहात और सतर्कता बरती जा रही है. 


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