MP Politics: क्यों अपनी पार्टी से दूरी बढ़ा रही हैं उमा भारती, लोधी से समाज से क्यों की बीजेपी को वोट न देने की अपील
MP News: उमा भारती बीते लगभग एक साल से शराबबंदी को लेकर शिवराज सरकार को घेरती आ रही हैं.उन्होंने कई बार आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया तो वहीं कई शराब दुकानों पर पत्थर फेंके और गोबर तक फेंका.
भोपाल: मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है.यही कारण है कि उनकी तल्खी लगातार बढ़ती जा रही है.अब तो उन्होंने अपने समाज के लोगों तक से यह कह दिया है कि वह अपने हितों का ध्यान रखकर चुनाव में मतदान करें.पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती को इन दिनों बीजेपी में वह महत्व हासिल नहीं है जिसकी वे अपेक्षा करती हैं.लिहाजा उनके और पार्टी के बीच दूरी भी बढ़ रही है.उमा भारती मध्य प्रदेश की सियासत में सक्रिय होना चाहती हैं. मगर उनके विरोधी गुट से नाता रखने वाले बीजेपी के नेता उनकी राह में रोड़े अटकाने में लगे हुए हैं.यही कारण है कि वे गाहे-बगाहे शराबबंदी को लेकर शिवराज सिंह चौहान की मुश्किलें बढ़ाने में पीछे नहीं रहती हैं.
लोधियों की बीजेपी में अहमियत
भारतीय राजनीति में कल्याण सिंह के बाद उमा भारती लोधी समाज की बड़ी नेता हैं. उन्हें पार्टी में इस आधार पर अहमियत भी खूब मिली,मगर अब ऐसा नहीं है.यही कारण है कि उमा भारती ने लोधी समाज के सम्मेलन में साफ तौर पर कह दिया कि अब वे समाज के लोगों से यह नहीं कहेंगी कि बीजेपी के पक्ष में मतदान करें.मतदान से पहले वे अपने हितों का जरूर ख्याल रखें.
उमा भारती का यह बयान ऐसे समय में आया है जब उनके करीबी रिश्तेदार प्रीतम सिंह लोधी को बीजेपी से निष्कासित कर दिया गया है. वहीं उनके भतीजे विधायक राहुल लोधी की विधायकी पर संकट आया हुआ है.यह बात अलग है कि राहुल लोधी को फिलहाल न्यायालय से स्थगन आदेश मिल गया है.
उमा भारती का शराब विरोधी आंदोलन
उमा भारती बीते लगभग एक साल से शराबबंदी को लेकर शिवराज सरकार को घेरती आ रही हैं.उन्होंने कई बार आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया तो वहीं कई शराब दुकानों पर पत्थर फेंके और गोबर तक फेंका.अब उन्होंने बीजेपी के लिए लोधी समाज के लोगों से वोट न देने की अपील तक न करने का ऐलान कर दिया है.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उमा भारती की लोधी समाज में गहरी पकड़ है और वे यह जानती हैं कि वर्तमान दौर की राजनीति में जातिवाद हावी है,लिहाजा पार्टी के ऊपर दबाव बनाना है तो उन्हें इस रास्ते को चुनना ही होगा.यही कारण है कि उन्होंने पार्टी को संदेश दे दिया है कि अब वे अपने समाज से बीजेपी के लिए वोट नहीं मांगेंगी.
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