(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत पर बवाल, एक्टिविस्ट ने NTCA को चिट्ठी लिख की ये मांग
Bandhavgarh Tiger Reserve News: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की मौत का मुद्दा गर्माता जा रहा है. वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे ने एनटीसीए के सदस्य सचिव को पत्र लिखा है.
MP News: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की मौत का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस मामले में सरकार पर कटाक्ष किया है. वहीं, वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे ने भी मामले की उच्चतरीय जांच कराने की मांग की है. उन्होंने एनटीसीए के सदस्य सचिव को पत्र लिखा है. दुबे ने बताया कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी का गठन अब तक नहीं हो सका है.
वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट ने बताया कि 2022 में एक हाथी का शिकार पनपथा रेंज में हुआ था. उन्होंने बताया का मामले की शिकायत एनटीसीए से की गयी थी. जांच के बाद कई वनकर्मियों को आरोपी बनाया गया. लेकिन दो बड़े आरोपी आज भी कानूनी कार्रवाई से मुक्त हैं. पनपथा रेंज के आरोपियों में एसडीओ फतेह सिंह निनामा आज भी अभ्यारण का अधीक्षक है. वहीं, पूर्व डीएफओ लावित भारती की अन्य जगह पदस्थापना है. दुबे ने कहा कि मामले की सही जांच होने से वर्तमान हादसे की जांच में भी मदद मिलेगी.
वन अपराधियों को नहीं है डर
पत्र में बताया गया कि मध्य प्रदेश में वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 38 यू के अंतर्गत स्टीयरिंग कमेटी का गठन भी नहीं किया गया. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी गठित नहीं होने से वन्य प्राणी संरक्षण में लापरवाही हो रही है. प्रदेश में गोपनीय खबरों को साझा करने के लिए पुलिस और वन विभाग की राज्य स्तरीय टीम और जिला टाइगर सेल भी निष्क्रिय है. यही वजह है कि वन अपराधियों में डर नहीं है.
मृतक हाथियों की संख्या दस
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों के मरने का सिलसिला लगातार जारी है. मृतक हाथियों की संख्या बढ़कर अब 10 हो गई है. 31 अक्टूबर को भी 2 हाथियों की मौत हो चुकी है. शेष बचे तीन हाथियों की हालत अभी भी खराब बताई जा रही है. हाथियों की मौत के बाद अब मामला गर्माता जा रहा है. विपक्ष लगातार सरकार को घेरने में जुटा है. वहीं, पर्यावरण और वन्य प्रेमी भी इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं.
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