Women's Day Special: एनकाउंटर स्पेशलिस्ट महिला DSP से थरथर कांपते हैं कुख्यात अपराधी, राज्य से लेकर केंद्र तक कई पुरस्कार हासिल
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में जानी जाने वाली एमपी पुलिस की महिला डीएसपी दीपिका शिंदे ने अपने पद पर रहकर कई उपलब्धियां अपने नाम की हैं. 'महिला दिवस' के मौके पर आइए जानते हैं इनके बारे में खास बातें.
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Encounter Specialist DSP: मध्य प्रदेश पुलिस की महिला डीएसपी दीपिका शिंदे (DSP Dipika Shinde) को एनकाउंटर स्पेशलिस्ट (Encounter Specialist) के रूप में जाना जाता है. इन महिला डीएसपी ने राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक कई पुरस्कार (Awards) हासिल किए हैं. इतना ही नहीं अपने महकमे में काबिलियत (Talent) के बल पर आउट ऑफ टर्न प्रमोशन (Out Of Turn Promotion) भी लिया है.
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women Day) पर महिला डीएसपी दीपिका शिंदे का जिक्र करना इसलिए भी आवश्यक हो जाता है कि इन महिला डीएसपी ने अपनी कार्यशैली के बल पर समाज में कई बड़ी घटनाओं को रोका है. मध्य प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) में पदस्थ डीएसपी दीपिका शिंदे ने सब इंस्पेक्टर से पुलिस विभाग में 24 साल पहले कदम रखा था. डीएसपी दीपिका सिंह ने 2 साल तक सागर में ट्रेनिंग ली. इसके बाद उज्जैन में अलग-अलग साल में पदस्थ रही.
"वी केयर फॉर यू" के संचालन के दौरान बनी चर्चा का विषय
डीएसपी दीपिका शिंदे की पहचान उस समय प्रदेश स्तर पर पहुंच गई, जब 3 सालों तक बालिकाओं के लिए "वी केयर फॉर यू" का संचालन इंदौर में किया गया. इसके बाद उन्हें साल 2018 में 11 उत्कृष्ट पुलिस सेवा पदक से सम्मानित किया गया. इसके बाद इंदौर में ही अश्लेषा देशपांडे हत्याकांड को ट्रेस कर दीपिका शिंदे ने पूरे प्रदेश में अपनी पहचान बना ली. उन्हें अंधे कत्ल का खुलासा करने पर आउट ऑफ टर्न का तोहफा भी सरकार की ओर से मिला.
DSP दीपिका के खाते में 2 एनकाउंटर
कुख्यात चड्डी बनियान धारी गिरोह के सदस्यों से दीपिका शिंदे की मुठभेड़ हुई. उन्होंने मुठभेड़ में दो बदमाशों को ढेर कर दिया. दीपिका शिंदे अभी तक दो बड़े एनकाउंटर कर चुकी है. उनकी पहचान मध्यप्रदेश में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में होती है. आज भी एसटीएफ के माध्यम से डीएसपी दीपिका शिंदे मध्यप्रदेश में सक्रिय माफियाओं को ठिकाने लगाने में जुटी हुई हैं.
स्कूल और कॉलेज से कभी नहीं आई शिकायत
डीएसपी दीपिका शिंदे मध्य प्रदेश के कई थानों में थाना प्रभारी के रूप में भी पदस्थ रही हैं. जहां वे थाना प्रभारी के रूप में पदस्थ रही, उस शहर में कभी स्कूल और कॉलेज में बालिकाओं और छात्राओं के साथ शिकायतों का क्रम कभी देखने को नहीं मिला. जहां भी एक बार शिकायत है वहां दीपिका शिंदे ने शौहदों का ऐसा इलाज किया कि वह नजीर बन गया.
डीएसपी दीपिका शिंदे के कार्यकाल में ही मजनू अभियान चलाया गया, जिसके माध्यम से स्कूल और कॉलेज के आसपास भटकने वाले मनचलों को सरे बाजार सबक सिखाया गया.
इन पुरस्कारों से भी नवाजा गया
जिस मुकाम पर कई पुलिस अधिकारी भी नहीं पहुंच पाए वह मुकाम महिला डीएसपी दीपिका शिंदे ने अपनी नौकरी के चंद सालों में हासिल कर लिया. वे साल 1999 से पुलिस महकमे में सब इंस्पेक्टर के रूप में पदस्थ हैं. वहीं दीपिका शिंदे को मध्य प्रदेश सरकार की ओर से साइबर केस सुलझाने के मामले में के ऐप 'रुस्तम जी अवार्ड' से सम्मानित किया गया. इसके अलावा साल 2021 में गृह मंत्री भारत सरकार की ओर से उत्कृष्ट सेवा पदक भी दिया गया.
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