धार्मिक नगरी उज्जैन में भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली सांदीपनि आश्रम में सैकड़ों वर्ष पुरानी कुबेर की प्रतिमा है, जहां पर धनतेरस पर पूजा का विशेष महत्व है. धनतेरस पर कुबेर के दर्शन और पूजा का विशेष महत्व माना गया है. भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली सांदीपनि आश्रम में स्थित 84 महादेव में शामिल कुंडेश्वर महादेव मंदिर में भगवान कुबेर की राशन प्राचीन मूर्ति है. आश्रम के पुजारी रूपम व्यास के मुताबिक भगवान कुबेर की प्रतिमा को लेकर कई किदवंतिया है. यह भी कहा जाता है कि मूर्ति सैकड़ों वर्ष पुरानी है. इसके अलावा धनतेरस पर यहां दर्शन का विशेष महत्व है.
धनतेरस पर भगवान कुबेर का आशीर्वाद लेने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु यहां आते हैं. कुबेर का आशीर्वाद पाकर लोग खुद को धन्य मानते हैं. मंदिर में दर्शन करने पहुंची अरुणा सिंह ने बताया कि भगवान के दर्शन मात्र से धन की वर्षा होती है और साल भर सुख शांति व समृद्धि का एहसास रहता है. वे पिछले 10 सालों से मंदिर में दर्शन करने के लिए लगातार आ रही है.
भगवान श्री कृष्ण ने सीखी थी 64 कलाएं
उज्जैन का सांदीपनि आश्रम भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली रहा है. पंडित रूपम व्यास के मुताबिक उनके वंशजों द्वारा यहां भगवान श्री कृष्ण को शिक्षा दी गई थी. भगवान श्री कृष्ण ने इसी आश्रम में 64 कलाएं सीखी थी सांदीपनि आश्रम में भी भगवान श्री कृष्ण और बलराम के दर्शन करने के लिए देशभर से श्रद्धालु आते हैं. यहां श्रद्धालुओं को भगवान श्री कृष्ण और बलराम के दर्शन करने मात्र से ही उनकी इच्छाएं पूरी हो जाती है. यही कारण है कि यहां हर दिन सैकड़ों की संख्या में भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं.
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