Year Ender: बीजेपी की बंपर जीत और 17 साल तक सीएम रहे शिवराज 'मामा' की विदाई के लिए याद किया जाएगा साल 2023
Goodbye 2023: साल 2023 समाप्त होने को है. इस साल एमपी की राजनीति में कई उतार चढ़ाव देखे गए. एक तरफ बीजेपी ने दोबारा जीत दर्ज करते हुए सत्ता बरकरार रखी, तो वहीं कांग्रेस में भी बड़े बदलाव किए गये
MP Politics Flashback 2023: बीत रहे साल 2023 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मध्य प्रदेश विधानसभा का चुनाव जीतकर एक बार फिर अपनी सत्ता बरकरार रखी. यूं तो इस चुनावी साल में ऐसी कई घटनाएं हुई जिनका जिक्र मध्य प्रदेश की राजनीति में सालों साल किया जाएगा, लेकिन यह साल मध्य प्रदेश के इतिहास में अपने सबसे लंबे कार्यकाल वाले मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान की विदाई के लिए याद रखा जाएगा.
मध्य प्रदेश में अगर साल 2023 की प्रमुख राजनीतिक घटनाओं की चर्चा की जाए तो सबसे ऊपर भारतीय जनता पार्टी की बंपर जीत को रखा जाएगा. सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फेस को आगे करके चुनाव लड़ने वाली भारतीय जनता पार्टी ने 163 सीटें जीतकर मध्य प्रदेश में अपनी सत्ता बरकरार रखी. हालांकि इस जीत में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लाडली बहन योजना का भी अहम योगदान था, लेकिन पार्टी ने भविष्य की सोच को आगे रखते हुए उनकी जगह मुख्यमंत्री की कुर्सी ओबीसी वर्ग से आने वाले डॉक्टर मोहन यादव को सौंप दी.
शिवराज सिंह चौहान की अप्रत्याशित विदाई
साल 2023 की दूसरी बड़ी राजनीतिक घटना शिवराज सिंह चौहान की विदाई को माना जाएगा. मध्य प्रदेश के गठन के बाद शिवराज सिंह चौहान सबसे ज्यादा चार बार मुख्यमंत्री रहे हैं. वे मध्य प्रदेश के साथ भारतीय जनता पार्टी के भी सबसे लंबे कार्यकाल वाले मुख्यमंत्री थे. शिवराज सिंह चौहान साल 2005 में अप्रत्याशित रूप से पहली बार मुख्यमंत्री बने थे. इसके बाद साल 2018 तक मुख्यमंत्री के पद पर बने रहे. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बहुमत नहीं मिली, लेकिन मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया की मदद से प्रदेश में फिर बीजेपी ने सरकार बनाई और शिवराज सिंह चौथी बार मुख्यमंत्री बने. देखा जाए तो बतौर मुख्यमंत्री शिवराज का कार्यकाल लगभग 17 साल का रहा है. लेकिन, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की विदाई भी बेहद अप्रत्याशित रही, जो साल 2023 की प्रमुख राजनीतिक घटना बन गई.
मोहन यादव ने सीएम बन बटोरी सुर्खियां
साल 2023 में जितनी चर्चा शिवराज सिंह चौहान की विदाई की हो रही है, उतनी ही सुर्खियां नए मुख्यमंत्री मोहन यादव भी बटोर रहे है. उज्जैन दक्षिण सीट से तीसरी बार विधायक बनने वाले डॉ. मोहन यादव मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बन चुके हैं. यह मतगणना के कई दिनों बाद तक भी किसी ने नहीं सोचा था. डॉ मोहन यादव शिवराज सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री थे. अब बीजेपी ने अपनी डबल इंजन की सरकार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दूसरे इंजन के तौर पर डॉ मोहन यादव को जोड़ दिया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पृष्ठभूमि से आने वाले डॉ. मोहन यादव के लिए साल 2024 बेहद चुनौती पूर्ण होने वाला है, जब उन्हें राज्य के खाली खजाने के साथ मतदाताओं की आकांक्षाओं (जिसका आश्वासन पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में दिया है) की पूर्ति करनी होगी.
लाडली बहना शिवराज सरकार का मास्टर स्ट्रोक
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में जीत के लिए साल 2023 में बीजेपी और कांग्रेस ने एड़ी चोटी का जोर लगाया. मध्य प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा आम है कि कांग्रेस नेता कमलनाथ ने चुनाव से बहुत पहले नारी सम्मान योजना की घोषणा करके बड़ी राजनीतिक भूल की थी. इसके मुकाबले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 'लाडली बहना योजना' लेकर आए, जिसकी पहली किश्त उन्होंने जून महीने में जारी करते हुए कांग्रेस के ऊपर बड़ी राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक बढ़त ले ली. शिवराज सिंह चौहान की लाडली बहन योजना को विधानसभा चुनाव के लिए मास्टर स्ट्रोक माना गया, जिसके चलते बीजेपी की जीत का आंकड़ा 163 सीटों तक पहुंचा. फिलहाल मध्य प्रदेश सरकार एक करोड़ 31 लाख लाडली बहनों के खातों में 1250 रुपए प्रति माह की आर्थिक सहायता दे रही है.
एमपी कांग्रेस इकाई बड़ा फेर बदल
साल 2023 जाते-जाते मध्य प्रदेश कांग्रेस की राजनीति में भी बड़े परिवर्तन को लेकर आया. कांग्रेस को तमाम अनुमानों के विपरीत विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद तकरीबन 40 साल से मध्य प्रदेश की राजनीति के केंद्र में रहे कमलनाथ की कांग्रेस आलाकमान ने अचानक से पीसीसी चीफ के पद से छुट्टी कर दी. युवा तुर्क जीतू पटवारी को नया प्रदेश कांग्रेस मुखिया बनाया गया तो आदिवासी नेता उमंग सिंगार को नेता प्रतिपक्ष का दायित्व सौंपा गया. बीजेपी ने पूरे चुनाव अभियान के दौरान कमलनाथ और दिग्विजय सिंह पर वंशवाद की राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि दोनों अपने बेटों (नकुलनाथ और जयवर्धन सिंह) को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं. साल 2023 के अंत में कांग्रेस का नेतृत्व युवाओं के हाथ में पहुंच गया.
ये भी पढ़ें:
Ladli Behna Yojna: लाडली बहना योजना बंद हो जाएगी? CM मोहन यादव ने विधानसभा में साफ की तस्वीर