Ujjain Mahakal Mandir Bhasma Aarti: साल 2023 के आखिरी दिन पौराणिक ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर (महाकालेश्वर मंदिर) की भव्य भस्म आरती हुई, जिसमें देशभर से आए शिव भक्तों ने भाग लिया. आज यानी 31 दिसंबर को भगवान महाकाल के दरबार में अद्भुत भस्म आरती हुई. महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी ने बताया कि सबसे पहले भगवान महाकाल का पंचामृत से पूजन किया गया. इसके बाद भगवान महाकालेश्वर की विधि-विधान के साथ भस्म आरती हुई, जिसे देखने के लिए विश्वनाथ के भक्त देश भर से आए थे. 


मंदिर में आरती का समय
वहीं नए साल पर महाकाल दर्शन के लिए खास व्यवस्था की जाएगी. श्रद्धालुओं की अधिक संख्या होने पर कार्तिकेय मंडप खाली रखा जाएगा, जहां से चलित भस्म आरती की दर्शन व्यवस्था की जाएगी. महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन पांच आरती होती है. इनमें सबसे पहली आरती सुबह भस्म आरती शिव भक्तों के आकर्षण का केंद्र रहती है. इसके बाद प्रातः कालीन आरती की जाती है. फिर सुबह 10:30 बजे भोग आरती होती है. शाम को 6:30 बजे संध्याकालीन आरती की जाती है. इसके बाद रात्रि में शयन आरती के साथ मंदिर के पट बंद हो जाते हैं.






भक्त भस्म आरती में हो सकते शामिल
महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि मंदिर में होने वाली भस्म आरती में चलित दर्शन व्यवस्था भी की गई है. जिन श्रद्धालुओं को भस्म आरती में बैठने की अनुमति नहीं मिलती है. वह चलित भस्म आरती के माध्यम से भी प्रवेश कर सकते हैं. सुबह 4:00 बजे से चलित भस्म आरती में श्रद्धालुओं का प्रवेश शुरू कर दिया जाता है.


इसके लिए अनुमति लेने की कोई आवश्यकता नहीं है. श्रद्धालु भस्म आरती में भगवान महाकाल के दर्शन करते हुए बाहर निकालते रहते हैं. उन्होंने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती में केवल 2000 लोगों के बैठने की व्यवस्था है, जबकि श्रद्धालुओं की संख्या काफी अधिक रहती है. इसी के चलते चलित भस्म आरती के इंतजाम किए गए है.


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