Yugpurush Dham Indore: मध्य प्रदेश के इंदौर के युगपुरुष धाम आश्रम में कई बच्चों की हुई मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि अनाथ आश्रम की संचालिका अनिता शर्मा और सचिव तुलसी शादीजा ने देश के सबसे वीभत्स और भयानक निठारी कांड की यादें ताजा कर दी है.


इससे पहले कलेक्टर आशीष सिंह ने भी आश्रम में बड़ी लापरवाही की बात मानी थी. उन्होंने कहा, ''युगपुरुष धाम में जो संक्रमण हुआ, उसके संबंध में कमेटी बनाई गई थी. उनकी रिपोर्ट हमें मिली है और उसमें निश्चित रूप से ये आया है की जो मौतें वह हुई वह छुपाई गई. इसके अलावा रखरखाव से संबंधित भी समस्याएं थी।  रिपोर्ट के आधार पर आश्रम को नोटिस जारी किया गया है.''


मंत्री ने जाना हाल


मामले को तूल पकड़ता देख तीन जुलाई को मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अस्पताल में भर्ती बीमार बच्चों से मुलाकात की थी. उन्होंने बच्चों का हाल-चाल जाना. अस्पताल में करीब 40 बच्चे भर्ती थे.


कांग्रेस का आरोप


मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी महासचिव राकेश सिंह यादव ने आरोप लगाया की इंदौर स्थित पंचकुइया श्मशान घाट में 6 बच्चों की जगह 8 बच्चों की कब्र खुदवाकर संचालिका अनिता शर्मा ने दफनाया है. इसकी सूचना न प्रशासन को दी गई न ही महिला बाल विकास अधिकारी को दी गई. निठारी कांड की तरह पिछले लगभग 20 से 25 दिनों में बच्चे मरते गए. पूरे घटनाक्रम में ड्रग ट्रायल की प्रबल संभावना है.


राकेश यादव ने कहा, ''6 बच्चों की मौत का मामला सामने आने के बाद भी राजनीतिक दबाव की वजह से आज तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई हैं. सारा मामला परमानंद गिरी महाराज राम जन्म भूमि मंदिर के ट्रस्टी से जुड़ा हुआ हैं. प्रशासन बेहद दबाव में हैं.'' 


यादव के मुताबिक, ''पंचकुइया श्मशान में कब्र खोदने वाले गुलाब ने बड़ा खुलासा किया हैं कि 6 बच्चों के पहले एक दो बच्चों के लिए कब्र खुदवाकर दफनाया गया. जिसे रिकॉर्ड में अज्ञात दर्शाया गया. इसके बाद जब ट्रस्ट में कार्यरत कर्मचारियों से जानकारी हासिल की गई तो चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ है कि  12 बच्चों की मृत्यु हुई है. पंचकुइया श्मशान घाट के पास लगे कब्रिस्तान में चार बच्चों को चोरी से दफनाया गया. इस कब्रिस्तान के चौकीदार इस्माइल की भूमिका भी संदिग्ध है.''


इन आरोपों के बीच कांग्रेस ने मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन से 10 मांगें की है-


(1) ट्रस्ट की संचालिका अनिता शर्मा एंव सचिव तुलसी शादीजा का नार्को टेस्ट कराया जाए.


(2) ट्रस्ट के हॉस्पिटल में कार्यरत आया शर्मा आंटी और हिना शर्मा (आपस में ननद भौजाई हैं) का नार्को टेस्ट कराकर सत्यता का पता लगाया जाए


(3) पंचकुइया श्मशान घाट के पास लगे कब्रिस्तान की जांच करायी जाये और सत्यता का पता करने के लिए कब्रिस्तान के चौकीदार इस्माइल एंव इसके भाई का नार्को टेस्ट कराया जाए.


(4) संचालिका अनिता शर्मा और सचिव तुलसी शादीजा दावा कर रहे हैं दो बच्चों को उनके परिवार वालों को सौंप दिया था लेकिन श्मशान का चौकीदार बता रहा हैं की अनिता शर्मा ने ही ऑटो में लाकर बच्चों को गड़वाया था.इसका साफ मतलब हैं कि मामला गंभीर और ड्रग ट्रायल का हो सकता हैं. जबकि बच्चों के परिजन इंदौर से बहुत दूर रहते हैं. अगर बच्चे उनको सौंपे जाते तो अंतिम संस्कार अपने गांव में करते. लेकिन बच्चों को पंचकुइयां में दफनाया गया हैं.


(5) बच्चों को अज्ञात बताकर पैसा देकर दफ़नाया गया है. इन आरोप की जांच हेतु अनिता शर्मा,तुलसी शादीजा,गुलाब एंव इस्माइल का नार्को टेस्ट कराया जाए.


(6)आश्रम एवं हॉस्पिटल के सीसीटीवी फुटेज जब्त किये जाये.श्मशान एवं कब्रिस्तान का रिकॉर्ड एंव आस पास के सीसीटीवी फुटेज जब्त किए जाएं.


(7) सारे बच्चों की लाश ले जाने में एक ही ऑटो का उपयोग किया गया. ऑटो वाले को गिरफ्तार करके जानकारी हासिल की जाए.


(8) आश्रम संचालक अनिता शर्मा एवं सचिव तुलसी शादीजा एंव पंचकुइया श्मशान में गुलाब एवं उसका भाई सुरजीत एंव कब्रिस्तान में चौकीदार इस्माइल के मोबाइल कॉल डिटेल निकालकर जांच की जाए. पिछले दो तीन माह में अज्ञातों रूप में दफ़नाए गए बच्चों की क़ब्रों से लाश निकालकर पोस्टमार्टम कराया जाये. जिससे यह स्पष्ट पता चल सके की बच्चों की मौत की वजह क्या हैं एवं कुल कितने बच्चों की मौत हुई हैं.


(9) ऐसी प्रबल संभावना है कि सारी मौतें अवैध ड्रग ट्रायल का नतीजा है. इंदौर के डॉक्टरों ने बच्चों के पोस्टमार्टम में अलग अलग कारण बताये हैं. कभी कार्डियक अरेस्ट, कुपोषण से डायरिया, फिट्स आने से, हैजा होने से मृत्यु के कारण बताये हैं. इसका साफ मतलब हैं की सत्यता को छिपाने की कोशिश की जा रही हैं. ऐसी गंभीर ग़ैर ज़िम्मेदाराना परिस्थितियों में समस्त बच्चों की लाशों को निकालकर एम्स के डॉक्टरों की टीम से पोस्टमार्टम कराना चाहिए.


(10) निठारी कांड से ज़्यादा गंभीर अनाथ आश्रम कांड में निष्पक्ष जांच के लिए वर्तमान न्यायाधीश के अंतर्गत जांच कमेटी बनाकर जांच करायी जाना चाहिए.


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