प्रयागराज: अयोध्या का विवादित ढांचा गिराए जाने के मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट 30 सितंबर को अपना फैसला सुनाएगी. ये फैसला लखनऊ में सुनाया जाना है. इस मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती और विनय कटियार के साथ ही निर्वाणी अणि अखाड़े के श्री महंत धर्मदास भी आरोपी हैं.
शिव मंदिर में की पूजा
महंत धर्मदास अयोध्या जमीन विवाद मामले में पक्षकार भी रहे हैं. महंत धर्मदास मंगलवार को संगम नगरी प्रयागराज में थे. वो बुधवार सुबह लखनऊ की कोर्ट में हाजिर रहेंगे. मंगलवार को प्रयागराज से लखनऊ के लिए रवाना होने से पहले उन्होंने शहर के बम्हरौली इलाके के शिव मंदिर में रुद्राभिषेक और पूजा अर्चना की. इस मौके पर उन्होंने 30 सितंबर को फैसला आने के बाद शांति और अमन कायम रहने की प्रार्थना की.
फैसले को लेकर चिंतित नहीं
ABP गंगा से की गई खास बातचीत में उन्होंने कहा कि बुधवार को आने वाले फैसले को लेकर वो कतई चिंतित नहीं हैं. अदालत का जो भी फैसला आएगा, वो उन्हें और बाकी सभी लोगों को पूरी तरह मंजूर रहेगा. अगर अदालत उन्हें व बाकी आरोपियों को दोषी मानकर किसी सजा का एलान करती है तो भी उन्हें कोई दुख या मलाल नहीं होगा.
पूरी उम्र जेल में बिताने को तैयार
महंत धर्मदास ने कहा कि भगवान के काम के लिए वो पूरी उम्र जेल में बिताने को तैयार हैं. शिव मंदिर में पूजा अर्चना के बाद वो लखनऊ के लिए रवाना हो गए. लखनऊ में उन्हें फैसले के वक्त कोर्ट में मौजूद रहना होगा. महंत धर्मदास का कहना है कि हिन्दू-मुस्लिम नजरिये से कतई नहीं देखना चाहिए और सभी को सौहार्द का वातावरण बनाकर कायम रखना चाहिए.
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