महाराष्ट्र सरकार का अहम फैसला, मराठा आरक्षण आंदोलन में मारे गए लोगों के परिजनों को मिलेंगे 10 लाख रुपये
महाराष्ट्र कैबिनेट ने यह भी निर्णय लिया कि महाराष्ट्र आवासीय क्षेत्र एवं विकास प्राधिकरण (म्हाडा) मुंबई शहर में पुरानी इमारतों के पुनर्विकास की लंबित परियोजनाओं को अपने हाथों में लेगा.
मुंबईः शिवसेना के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने मराठा आरक्षण के लिए हुए आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने के पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के फैसले को लागू करने का बुधवार को फैसला किया. गठबंधन सरकार ऐसे मृतकों के परिजनों को राज्य परिवहन निगम में रोजगार भी प्रदान करेगी.
शहरी विकास मंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने साप्ताहिक कैबिनेट बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पुराने फैसले को लागू करने के लिए मंजूरी दे दी. उन्होंने कहा कि आरक्षण आंदोलन के दौरान 42 लोगों की मौत हो गई थी.
पुरानी इमारतों के पुनर्विकास को मंजूरी
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि कैबिनेट ने यह भी निर्णय लिया कि महाराष्ट्र आवासीय क्षेत्र एवं विकास प्राधिकरण (म्हाडा) मुंबई शहर में पुरानी इमारतों के पुनर्विकास की लंबित परियोजनाओं को अपने हाथों में लेगा.
प्राधिकरण तीन साल के भीतर इन परियोजनाओं को पूरा करेगा. इस फैसले से 14,500 इमारतों के निवासियों को लाभ होने की उम्मीद है. ऐसे मामलों को देखने के लिए प्रधान सचिव (आवास) की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जाएगा.
रेजिडेंट डॉक्टरों के वेतन में बढ़ोतरी
कैबिनेट ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान 18 राजकीय मेडिकल कॉलेजों और तीन डेंटल कॉलेजों में लगातार ड्यूटी देने वाले रेजिडेंट डॉक्टरों के मासिक वजीफे (स्टाइपेंड) में 10,000 रुपये की बढ़ोतरी करने का भी फैसला किया.
अभी रेजिडेंट डॉक्टरों को प्रति माह 54,000 रुपये का वजीफा मिलता है. बयान में कहा गया है कि इस फैसले से राज्य के खजाने पर 29.67 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.
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