मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में सीबीआई को राज्य में दी गई जांच की सामान्य अनुमति वापस ले ली है. अब सीबीआई को अगर राज्य में किसी मामले की जांच करनी है तो पहले उसे राज्य सरकार से इजाजत लेनी होगी. इस मामले में अब महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख का बयान सामने आया है.
महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, 'सीबीआई बहुत पेशेवर तरीके से काम करती है, लेकिन राजनीतिक हित के लिए इस पर दबाव बनाया गया, जो ठीक नहीं है. हमने इसी वजह से यह निर्णय लिया है.'
देशमुख ने कहा, टीआरपी केस में यूपी में एफआईआर दर्ज होने के बाद अब इस मामले को सीबीआई को ट्रांसफर करने की आशंका है. अब सीबीआई को जांच के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी. पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, सिक्कम जैसे कई राज्यों में यह फैसला पहले लिया जा चुका है, क्योंकि उन्हें भी सीबीआई के राजनीतिक इस्तेमाल का डर है.
TRP केस के कारण लिया CBI जांच पर फैसला?
महाराष्ट्र सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब सीबीआई ने उत्तर प्रदेश सरकार की सिरफारिश के आधार पर टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट्स (टीआरपी) में कथित तौर पर हेरफेर किए जाने को लेकर प्राथमिकी दर्ज की है. ये मामला पहले लखनऊ के हजरतगंज थाने में एक विज्ञापन कंपनी के प्रवर्तक की शिकायत पर दर्ज किया गया था, जिसे उत्तर प्रदेश सरकार ने सीबीआई को सौंप दिया. टीआरपी में हेरफेर को लेकर मुंबई पुलिस ने खुलासा किया था और इसकी जांच के लिए कई लोगों को समन भेज चुकी है.
सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने को लेकर भी महाराष्ट्र सरकार ने आपत्ति जताई थी. मामला सुप्रीम कोर्ट में गया और अदालत ने जांच सीबीआई को सौंप दी.
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