Omicron in Mumbai: बृहन्मुंबई महानगर निगम (BMC) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, मुंबई में पूर्ण टीकाकरण कराने के बाद, कोरोना वायरस के स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ (Omicron) की चपेट में आए पांच प्रतिशत मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आई.
आंकड़ों के अनुसार, ‘ओमीक्रोन’ के ऐसे 17 प्रतिशत मरीज थे, जिन्होंने कोविड-19 रोधी टीकों की एक ही खुराक ली थी और उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. जीनोम अनुक्रमण के 10वें दौर की जांच में 376 लोगों के नमूनों में से 237 ‘ओमीक्रोन’ से संक्रमित पाए गए. ये सभी नमूने मुंबई के लोगों के थे. आंकड़ों के अनुसार, 237 में से 128 लोगों ने टीकों की दोनों खुराक ली थी, जिनमें से केवल सात लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.
इनमें से एक मरीज गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में था. वहीं, 103 मरीजों ने टीके की एक खुराक ली थी और उनमें से 18 को अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आई. इनमें से दो को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी और एक को आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा. राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, महाराष्ट्र में अभी तक ‘ओमीक्रोन’ के 5,005 मामले सामने आए हैं. इनमें से अभी तक 4,629 मरीज संक्रमण मुक्त हो चुके हैं.
अब आया BA.2 ओमाइक्रोन वैरिएंट
ओमाइक्रोन वैरिएंट का BA.2 सबवेरिएंट अब शहर में फैले कोरोनावायरस का प्रमुख स्ट्रेन है. 237 नमूनों का अध्ययन करने वाले जीनोम अनुक्रमण के नवीनतम दौर में पाया गया कि अधिकांश ओमाइक्रोन के BA.2 से प्रभावित थे और डेल्टा या इसकी वंशावली से एक भी नहीं.
अतिरिक्त नगर आयुक्त सुरेश काकानी ने कहा, “ओमाइक्रोन ने डेल्टा संस्करण को शहर से बाहर कर दिया है. जीनोम अनुक्रमण के दसवें दौर में, हमें किसी भी नमूने में डेल्टा नहीं मिला. अधिकतम ओमिक्रॉन संस्करण के बीए.2 पाए गए. नौवें दौर में 94.7% नमूनों में ओमाइक्रोन पाया गया, जबकि आठवें अनुक्रमण अध्ययन में 89% नमूनों में ओमाइक्रोन पाया गया. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हाल ही में कहा था कि चिंता का ओमाइक्रोन संस्करण वर्तमान में विश्व स्तर पर प्रचलित है.
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