2000 के नोट वापस लेने के RBI के फैसले पर शरद पवार की पहली प्रतिक्रिया, जानें- क्या कह दिया?
2000 Rupee Note: एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि नोटबंदी के बाद पुणे जिला केंद्रीय सहकारी बैंक जैसी संस्थाओं को नुकसान हुआ क्योंकि इनके पास मौजूद कई करोड़ रुपये बदले नहीं जा सके.
Sharad Pawar: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को कहा कि 2,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने का फैसला किसी ‘‘अस्थिर स्वभाव वाले व्यक्ति’’ (मूडी) की हरकत जैसा है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 19 मई को 2,000 रुपये के नोट को वापस लेने की घोषणा की थी और कहा था कि मौजूदा नोट को या तो बैंक खातों में जमा किया जा सकता है या 30 सितंबर तक बदला जा सकता है.
यह एक मूडी व्यक्ति के फैसले जैसा है- शरद पवार
पवार ने पुणे में पत्रकारों से कहा, 'यह एक मूडी व्यक्ति के फैसले जैसा है. मुझे 2,000 रुपये के नोट बंद करने के फैसले के बारे में कुछ शिकायतें मिली हैं.' उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद, पुणे जिला केंद्रीय सहकारी बैंक जैसी संस्थाओं को नुकसान हुआ क्योंकि इनके पास मौजूद कई करोड़ रुपये बदले नहीं जा सके. पवार ने दावा किया कि कोल्हापुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के साथ भी ऐसा ही हुआ था.
2 हजार का नोट बंद करने को लेकर विपक्ष के निशाने पर मोदी सरकार
दो हजार के नोट को बंद करने के फैसले पर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है. इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि जब दो हजार का नोट बंद ही करना था तो इसे लाया क्यों गया. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पहले भी ऐसी गलती कर चुकी है और अब फिर ऐसी गलती कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले बगैर समय दिए नोटबंदी की थी और अब दो हजार का नोट बंद कर दिया. वहीं कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा था कि ऐसे फैसलों से अर्थव्यवस्था मजबूत होने के बजाय कमजोर होती है. वहीं एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने मोदी सरकार के इस फैसले पर कहा था कि लोकसभा चुनाव नजदीक आ गए इसलिए 2 हजार रुपए के नोट पर पाबंदी लाई गई है.
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