(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
पीयूष गोयल के बेटे के भाषण पर बढ़ा विवाद, आदित्य ठाकरे का दावा- 'कॉलेज छात्रों को जबरन सुनने को किया मजबूर'
Lok Sabha Elections 2024: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के बेटे के मुंबई के एक कॉलेज में भाषण देने के बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर है. विपक्ष का कहना है कि छात्रों को जबरन सेमिनार में बुलाया गया.
Maharashtra News: केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के लोकसभा प्रत्याशी पीयूष गोयल (Piyush Goyal) के बेटे ने कांदिवली के ठाकुर कॉलेज में छात्रों के बीच संवाद किया. विपक्षी पार्टियों का कहना है कि स्टूडेंट्स को जबरन भाषण सुनने के लिए मजबूर किया गया और उनकी आईडी जब्त कर ली गई थी. शिवसेना-यूबीटी और शरद पवार के गुट वाली एनसीपी ने इसका वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर प्रिंसिपल के निलंबन की मांग की है.
एनसीपी शरद चंद्र पवार के नेता जितेंद्र अव्हाड ने ट्वीट किया, ''उपनगरीय मुंबई के ठाकुर कॉलेज के छात्रों को पीयूष गोयल के बेटे का भाषण सुनने के लिए मजबूर होना पड़ा. छात्रों ने इसका विरोध किया और स्पष्ट रुख अपनाया कि उन्हें इस तरह से भाषण सुनने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता.''
आव्हाड का दावा, छात्र जता रहे थे विरोध
आव्हाड ने आगे लिखा, ''वीडियो में आप देखेंगे कि छात्रों की संख्या कितनी अधिक है! इसका मतलब है कि एक चिंगारी गिरी है. जब छात्रों का विरोध शुरू होता है. तभी अच्छे लोग मुसीबत में पड़ जाते हैं. 1973-74 में बिहार और गुजरात में छात्रों का नवनिर्माण आंदोलन शुरू हुआ और इंदिरा गांधी, जो अपनी लोकप्रियता के शिखर पर थीं, का पतन शुरू हो गया. समय के साथ जो हुआ वह इतिहास है, इसलिए याद रखें, जब छात्रों को उत्साहित किया जाता है, तो यह एक क्रांति की शुरुआत होती है. इस विद्रोह के लिए ठाकुर कॉलेज के सभी छात्रों को बधाई और धन्यवाद! अब आप देश का नेतृत्व करेंगे!!''
प्रिंसिपल को किया जाए सस्पेंड - आदित्य ठाकरे
वहीं, शिवसेना-यूबीटी के नेता और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने प्रिंसिपल को सस्पेंड करने की मांग की है. उन्होंने लिखा, ''सरकार हर दिन दुनिया को यह संदेश दे रही है, वह नहीं चाहती कि देश लोकतंत्र बने. स्टूडेंट्स की आईडी जब्त की गई और उन्हें उत्तर मुंबई के बीजेपी के उम्मीदवार के बेटे का भाषण सुनने के लिए मजबूर किया गया. वह भी उनकी परीक्षा के ठीक एक दिन पहले. क्योंकि इस सरकार के अंदर परीक्षा पास करने के बाद भी नौकरी कहा हैं? बल्कि उम्मीदवारों के बेटे के भाषण को सुनने में समय बर्बाद करें. क्या इस भयावह घटना पर प्रिंसिपल को सस्पेंड किया जाएगा?''
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