'हमारा हक छीनकर किसी और को दिया, खामियाजा...', किसका जिक्र कर आदित्य ठाकरे ने BJP को घेरा
Aaditya Thackeray News: आदित्य ठाकरे ने बीजेपी पर महाराष्ट्र के हक की परियोजनाओं को गुजरात भेजने का आरोप लगाया. उनका कहना है कि टाटा एयरबस परियोजना से राज्य के बेरोजगारों को नौकरियां मिलतीं.
Aaditya Thackeray on BJP: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच शिवसेना यूबीटी के नेता आदित्य ठाकरे ने केंद्र की बीजेपी और राज्य की महायुति सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने टाटा एयरबस परियोजना का जिक्र कर कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात में प्रोजेक्ट का रोड शो कर रहे हैं. यह प्रोजेक्ट महाराष्ट्र में आना था और यहां के नौजवानों को रोजगार मिलना था लेकिन इसे गुजरात भेजा गया. यह महाराष्ट्र के साथ नाइंसाफी हुई है."
आदित्य ठाकर ने कहा कि महाराष्ट्र के हजारों बेरोजगार नौजवानों के साथ बीजेपी सरकार ने गलत किया है, क्योंकि यहां का प्रोजेक्ट गुजरात ले जाया गया.
'महाराष्ट्र के खिलाफ काम करते हैं देवेंद्र फडणवीस'- आदित्य ठाकरे
वहीं, देवेंद्र फडणवीस पर हमला बोलते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा, "देवेंद्र फडणवीस नागपुर से आते हैं. हमें लगता था कि यह वह नागपुर में इस प्रोजेक्ट को लगाएंगे लेकिन उन्होंने इसे गुजरात भेजा. महाराष्ट्र में बीजेपी को अच्छा प्रोजेक्ट अच्छा नहीं लग रहा है. रतन टाटा की इच्छा देवेंद्र फडणवीस क्यों व्यक्त कर रहे हैं? अब वह नहीं हैं, लेकिन देवेंद्र फडणवीस विदर्भ से आते हैं और क्या वह नहीं चाहते कि नागपुर में यह प्रोजेक्ट आए??
वहीं, आदित्य ठाकरे ने आगे कहा, "हमें पता है कि फडणवीस महाराष्ट्र के खिलाफ काम करते हैं लेकिन अब वह नागपुर के भी खिलाफ काम कर रहे हैं यह समझ में नहीं आ रहा. नागपुर के लोगों को पता है कि यह प्रोजेक्ट गुजरात चला गया है और इसका खामियाजा उन्हें इस चुनाव में भुगतना पड़ेगा, क्योंकि उन्हें मालूम है कि देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे की सरकार में यह प्रोजेक्ट गुजरात गया."
'महाराष्ट्र में बेरोजगारी खत्म कर सकती थी महायुति'
शिवसेना यूबीटी नेता ने कहा, "मैं देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे पर पहले से ही यह आरोप लगा रहा हूं कि महाराष्ट्र में जो भी कई प्रोजेक्ट यहां के बेरोजगार को खत्म कर सकते थे उन्हें गुजरात भेजा गया है. हमारे हक की चीज छीनकर किसी को ना दें. बेस्ट बस जनता के लिए सबसे अच्छी सेवा है, लेकिन यह 3337 बसों की आवश्यकता है. मुंबई में अभी भी 33 से 35 लाख यात्री बस से यात्रा करते हैं लेकिन इस सरकार ने इन बसों को घटाकर 2500 कर दिया है. अगर सरकार ऐसे ही चलती रही तो ये बसें 2500 से ज्यादा नहीं होंगी.
हम 10000 बसें और 900 इलेक्ट्रिक बसें लाना चाहते थे."
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