Eknath Shinde on Aapla Dawakhana Scheme: एकनाथ शिंदे सरकार ने मुंबई सहित पूरे राज्य में 'बाला साहेब ठाकरे आप दवाखाना' योजना शुरू की है. इस योजना के तहत महाराष्ट्र में 700 क्लीनिक शुरू किए जाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जनवरी को मुंबई में ऐसे 20 अस्पतालों का उद्घाटन किया था. इससे पहले अक्टूबर 2022 में मुंबई में कुल 52 जगहों पर 'आपला दवाखाना' के तहत स्वास्थ्य सेवाएं शुरू की जा चुकी हैं.
क्या है 'आपला दवाखाना' योजना?
'बाला साहेब ठाकरे आपला दवाखाना' मुंबई नगर निगम और शिंदे सरकार की एक नई स्वास्थ्य योजना है. बीबीसी में छपी एक खबर के अनुसार, वर्तमान में ठाणे और मुंबई शहरों में ऐसे क्लीनिक के तहत स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा रही हैं. शिंदे सरकार ने वादा किया है कि आने वाले समय में राज्य भर में ऐसे 700 क्लीनिक शुरू किए जाएंगे. इसके समाधान के लिए नगर निगम का लक्ष्य है कि प्रत्येक 25 से 30 हजार बस्तियों पर आपला दवाखाना हो. पिछले साल मुंबई नगर निगम के बजट में इस योजना के लिए वित्तीय धनराशि स्वीकृत की गई थी. उसके बाद नवंबर 2022 में करीब 52 एपीए क्लीनिक सेंटर का भी उद्घाटन किया गया. मुंबई में अब तक कुल 66 ऐसे क्लीनिक शुरू किए जा चुके हैं.
क्या छूट मिलेगी?
1- इस योजना के तहत प्रशासन 25 हजार से 30 हजार की सामान्य आबादी के लिए 1 अस्पताल शुरू करने की योजना बना रहा है.
2- ये क्लीनिक सुबह 7 बजे से दोपहर 2 बजे तक और दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे तक खुले रहेंगे.
3- नगर निगम के चिकित्सा अधिकारियों ने बताया कि हमारे क्लीनिक में 147 प्रकार के विभिन्न चिकित्सकीय परीक्षण नि:शुल्क किये जायेंगे.
4- पोर्टकैबिन्स में कुछ स्थानों पर प्राथमिक चिकित्सा क्लीनिक स्थापित किए जाएंगे.
5- नगर पालिका का यह भी कहना है कि पॉलीक्लिनिक में चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा नि:शुल्क चिकित्सा सलाह और इलाज मुहैया कराया जाएगा.
6- नगर निगम के डायग्नोस्टिक सेंटर में सीटी स्कैन, एमआरआई, एक्स-रे आदि टेस्ट किए जाएंगे.
7- इस अस्पताल में संविदा के आधार पर एक चिकित्सा अधिकारी, एक नर्स, एक फार्मासिस्ट व एक हेल्पर की नियुक्ति की जा रही है. नगर पालिका ने इन पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया है.
8- कान-नाक-गला विशेषज्ञ (ईएनटी), नेत्र रोग विशेषज्ञ, स्त्री रोग विशेषज्ञ, चिकित्सा परीक्षक, फिजियोथेरेपिस्ट, त्वचा विशेषज्ञ, दंत चिकित्सक, बाल रोग विशेषज्ञ जैसी स्वास्थ्य सुविधाएं पॉलीक्लिनिक के माध्यम से प्रदान की जाएंगी.
9- सरकार मुख्य रूप से ग्रामीण इलाकों में एसटी स्टेशन के पास 'आपला दवाखाना' शुरू करने की योजना बना रही है.
10- द्वितीय सत्र (दोपहर) में उपलब्ध नगरीय चिकित्सालयों में तथा अन्य स्थानों पर खुले स्थानों में पोर्टेकैबिन में क्लीनिक प्रारंभ किये जायेंगे. खास बात यह है कि अब तक सरकारी अस्पताल की प्रक्रिया में मरीजों के पास केस पेपर होना जरूरी था. इसके लिए सरकारी और नगर निगम के अस्पतालों में लंबी कतार लग रही है.
चुनौतियां क्या हैं?
नगर पालिका को हर बस्ती के पास जगह दिलाने का काम करना होगा. साथ ही जहां नगर पालिका के पास भूमि नहीं है, वहां अन्य शासकीय संस्थाओं से समन्वय कर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी की जानी है. लेकिन इन स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थानीय लोगों को बहुत जरूरत है. रोग का शीघ्र उपचार और समय पर निदान आवश्यक है. प्रशासन ने 'आपला दवाखाना' के लिए ठेका कर्मचारियों को रखने का फैसला किया है. कई बार जब कर्मचारियों को अनुबंध के आधार पर काम पर रखा जाता है, तो निरंतरता नहीं होती है. प्रशासन में देरी और स्टाफ की कमी इसलिए जरूरी है कि इस काम में निरंतरता बनाए रखा जाए.
शिंदे सरकार की क्या है सियासी मंशा?
चुनाव आयोग का फैसला सामने आने के बाद एकनाथ शिंदे गुट में खुशी दिखी. एकनाथ शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और पार्टी सिम्बल धनुष-बाण मिल गया. इस फैसले के बाद से महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने सबसे पहले अपनी प्रोफाइल फोटो को बदलकर धनुष और बाण लगाया. इसके बाद उन्होंने एक तस्वीर शेयर की जिसमें एकनाथ शिंदे बाल ठाकरे के कदमों में बैठे दिखे. ये तस्वीर इस ओर इशारा कर रही थी कि शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट की है. जानकारों का यह भी कहना है कि अगर बड़े पैमाने पर झुग्गी-झोपड़ियों और इलाकों में क्लीनिक खोले जाते हैं और स्थानीय लोगों को रोजाना स्वास्थ्य सुविधा मिलती है तो वे मतदाताओं को आकर्षित कर सकते हैं.
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