Ramnath Goenka Award: एबीपी नेटवर्क के रिपोर्टर मंदार गोंजारी को इस साल का रामनाथ गोयनका 'एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म' अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है. मंदार गोंजारी एबीपी नेटवर्क के लिए महाराष्ट्र के पुणे मे रिपोर्टिंग करते हैं. पिछले 17 साल से वे एबीपी नेटवर्क के साथ जुड़े हैं.
रामनाथ गोयनका अवॉर्ड पत्रकारिता के क्षेत्र में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. इस पुरस्कार के लिए देशभर के पत्रकार उनकी खबरें कंपटीशन में भेजते हैं. पांच ज्यूरी का एक पैनल इन चुनिंदा खबरों में से एक स्टोरी को अवॉर्ड के लिए चुनते हैं. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज, देश के भूतपूर्व चीफ इलेक्शन कमीश्नर और जर्नलिज्म स्कूल के प्राचार्य इस पैनल में शामिल होते हैं. इस बार देशभर से 1500 से ज्यादा एंट्री इस अवॉर्ड के लिए आई थीं. उनमें से चुनिंदा 27 एंट्री को पुरस्कार के लिए चुना गया.
मेफेड्रोन नाम के ड्रग पर स्टोरी
मंदार गोंजारी ने एबीपी नेटवर्क के मराठी न्यूज चैनल एबीपी माझा के लिये ड्रग तस्करी करने वाले गिरोह पर स्टोरी की थी. इस खबर का फॉलोअप लगभग 3 महीनों तक चला. मेफेड्रोन नाम की सिंथेटिक ड्रग महाराष्ट्र के अलग-अलग इंडस्ट्रियल जोन में चल रही केमिकल कंपनियों में बनाई जा रही थी.
अंडर वर्ल्ड से लेकर इस ड्रग तस्करी में पुलिस कर्मचारी, सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर और जेल प्रशासन के अधिकारी शामिल होने की बात सामने आई थी. मंदार गोंजारी की रिपोर्टिंग से यह खबर सबके सामने आई. मामला संज्ञान में आने के बाद इन सभी अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया.
मंदार गोंजारी ने ड्रग गिरोह का किया भंडाफोड़
इस ड्रग गिरोह का सरगना ललित पाटील सरकारी अस्पताल से भाग गया. इस वजह से महाराष्ट्र में सनसनी फैल गई. मंदार गोंजारी ने इन सभी घटनाओं को संजीदगी से रिपोर्ट किया. साथ ही जिन केमिकल कंपनियों में मेफेड्रोन तैयार हो रहा था, उन सभी कंपनियों को ढूंढ कर निकाला.
इस से समाज में ड्रग्स के बढ़ते खतरे की खूर को सामने लाने की कोशीश की. लगातार तीन महीने चलीं उनकी खबरों की सीरीज को रामनाथ गोयनका अवॉर्ड के लिये चुना गया. दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंदार गोंजारी को रामनाथ गोयनका अवॉर्ड से सम्मानित किया.