गैंगस्टर अबू सलेम ने जेल बदलने के खिलाफ कोर्ट में डाली याचिका, अब यहां होगी सुनवाई
Abu Salem News: बॉम्बे हाई कोर्ट की एक डिविजन बेंच ने अबु सलेम की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया. अब उसकी याचिका को कोर्ट के दूसरी बेंच के सामने रखा गया है.
Maharashtra News: गैंगस्टर अबू सलेम (Abu Salem) ने तलोजा जेल से नासिक केंद्रीय कारावास शिफ्ट किए जाने के खिलाफ याचिका दाखिल की थी जिसे पिछले महीने में स्पेशल कोर्ट ने खारिज कर दी थी. अब निचली कोर्ट के आदेश को अबू सलेम ने बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) में चुनौती दी है. सलेम ने दावा किया है कि उसे तलोजा जेल से शिफ्ट करने का फैसला, उनकी हत्या करने की साजिश है क्योंकि वह कुछ महीने में रिहा होने वाला है. सलेम 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट केस में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है.
सलेम की याचिका बुधवार को जस्टिस ए एस गडकरी और नीला गोखले की डिविजन बेंच के सामने आया था, तो बेंच ने कहा कि वह बिना किसी वजह से इस पर सुनवाई नहीं कर सकता. अब इस मामले को किसी अन्य बेंच के सामने पेश किया गया है. सलेम ने आशंका जाहिर की है कि विरोधी गैंग के लोग उस पर हमला कर सकता है. सलेम ने दावा किया है कि तलोजा जेल उसके लिए ज्यादा सुरक्षित है.
अबू सलेम ने ट्रांसफर के खिलाफ दी यह दलील
गैंगस्टर अबू सलेम का कहना है कि इस वक्त उसको दूसरे जेल में ट्रांसफर किए जाने का कोई मतलब नहीं है और यह गलत मंशा के साथ किया जा रहा है. सलेम ने कहा कि दिल्ली में उसके खिलाफ दो मामलों में सुनवाई चल रही है और उसे राष्ट्रीय राजधानी ट्रैवल करना पड़ता है. दूसरे जेल में शिफ्ट किए जाने से उसकी दिल्ली यात्रा पर असर पड़ेगा, जिससे उसकी सुनवाई में देरी हो सकती है.
2017 में दोषी पाया गया था सलेम
जेल प्रशासन ने स्पेशल कोर्ट से कहा था कि सलेम को नासिक केंद्र कारावास भेजने की जरूरत है क्योंकि तलोजा जेल में हाई-सिक्योरिटी वाले सेल की हालत खराब है और उसे तत्काल मरम्मत किए जाने की जरूरत है. सलाम ने विरोध करते हुए कहा कि उसे जेल के अंदर किसी अन्य बैरक या सुरक्षित स्थान में शिफ्ट किया जा सकता है. जिसमें काफी जगह है और वहां व्यवस्था की जा सकती है. सलेम को जून 2017 में दोषी पाया गया था. 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट मामले में आजीवन कारावास की सजा दी गई थी. उसका 11 नवंबर 2005 को पुर्तगाल से प्रत्यार्पण कराया गया था.
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