Acharya Tushar Bhosale: महाराष्ट्र बीजेपी के आध्यात्मिक प्रकोष्ठ के संयोजक आचार्य तुषार भोसले ने सोमवार को नासिक के पास त्र्यंबकेश्वर मंदिर में कुछ मुस्लिम युवकों के जबरन प्रवेश की कोशिश के पूरे विवाद को नया मोड़ देते हुए कहा कि इन युवकों के खिलाफ आपराधिक रिकॉर्ड हैं. उन्हें और इसलिए मंदिर में प्रवेश करने के उनके प्रयास के पीछे की मंशा की बारीकी से जांच करने की आवश्यकता है. भोसले ने शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत को अपने बयान को साबित करने के लिए सबूत पेश करने की चुनौती दी कि "त्र्यंबकेश्वर में 100 साल से अधिक की परंपरा थी जिसमें मुसलमानों ने पवित्र मंदिर के अंदर अगरबत्ती जलाई थी."
क्या कोई 'परंपरा' है या नहीं?
उन्होंने कहा, "ऐसी कोई परंपरा नहीं थी. मुसलमानों ने अतीत में कभी भी पवित्र मंदिर में प्रवेश नहीं किया है. वे मंदिर के पास से गुजरने वाली सड़क पर एक चौक से अगरबत्ती दिखाते थे. पिछले साल उनमें से कुछ ने मंदिर की सीढ़ियों पर खड़े होकर एक वीडियो शूट किया था, जिसे अब तथाकथित परंपरा के सबूत के तौर पर दिखाया जा रहा है.'
भोसले, जिन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ दस्तावेज दिखाए, ने कहा, “एक नाबालिग हिंदू लड़की के यौन उत्पीड़न के लिए 2018 के पॉस्को के तहत एक मामले में आरोपी सलमान अकील सय्यद ने गलत तरीके से दावा करने के लिए एक पुराना वीडियो जारी किया कि मंदिर में एक मंदिर के अंदर मुसलमानों द्वारा अगरबत्ती जलाने की परंपरा है.”
त्र्यंबकेश्वर मंदिर मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उठाए गए ये सवाल
1- मंदिर में या प्रवेश द्वार पर चंदन की धूप चढ़ाने की परंपरा नहीं है.
2- संजय राउत को सबूत देना चाहिए कि 100 साल पुरानी परंपरा है.
3- प्रवेश का प्रयास करने वाले 4 व्यक्तियों पर मामला दर्ज किया गया है; इनमें सलमान अकील सैयद का क्रिमिनल बैकग्राउंड है.
4- उसके खिलाफ नासिक में एक नाबालिग 'हिंदू' लड़की का शारीरिक शोषण करने के आरोप में 'पोस्को' और 354 का मामला दर्ज किया गया है.
5- समस्त जानकारी गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा गठित एसआईटी को सौंपेंगे और सख्त कार्रवाई की मांग करेंगे.
6- हमारे मंदिरों का अपमान कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
आरोपियों की आपराधिक पृष्ठभूमि
उन्होंने कहा, 'मंदिर में जबरन घुसने की ताजा कोशिश में शामिल अन्य लोगों का भी गंभीर आपराधिक रिकॉर्ड है. इनमें से कुछ नशीले पदार्थों की आपूर्ति से जुड़े मामलों में शामिल हैं तो कुछ अन्य के खिलाफ हथियारों के व्यापार के मामले दर्ज हैं. ये गंभीर अपराध हैं. इसलिए सरकार द्वारा नियुक्त एसआईटी को भी इन मामलों को देखना चाहिए और इस कदम के पीछे उनके मकसद का पता लगाने की कोशिश करनी चाहिए.'
राज ठाकरे पर भी निशाना
मनसे नेता राज ठाकरे के बयान कि 'ग्रामीणों को अपने लिए इस मुद्दे से निपटने की अनुमति दी जानी चाहिए और बाहर के अन्य लोगों को इस मुद्दे में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, का विरोध करते हुए आचार्य भोसले ने कहा, 'यह एक गांव का मंदिर नहीं है. मंदिर पूरे हिंदू समुदाय का है और इसलिए भगवान में आस्था रखने वाले हर व्यक्ति को इस मामले में बोलने का अधिकार है.”
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