AIMIM के पूर्व सांसद इम्तियाज जलील का दावा, 'मुसलमानों के चलते BJP को नहीं मिलीं 400 सीटें'
Maharashtra Politics: एआईएमआईएम के महाराष्ट्र अध्यक्ष इम्तियाज जलील ने 'इंडिया' गठबंधन से कहा कि मैं तो आपके साथ आने के लिए तैयार हूं. मैं तो आपके साथ लड़ने के लिए तैयार हूं.
Imtiaz Jaleel On BJP: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में एआईएमआईएम भी अपनी तैयारियों में जुटी है. पार्टी के महाराष्ट्र प्रमुख इम्तियाज जलील ने दावा करते हुए कहा है कि मुसलमान वोटर्स की वजह से बीजेपी को '400 पार' नारे को हकीकत में बदलने में सफलता नहीं मिली.
एआईएमआईएम के महाराष्ट्र प्रमुख इम्तियाज जलील ने कहा, ''बीजेपी को '400 पार' की उपलब्धि उन मुसलमानों की वजह से नहीं मिली, जिन्होंने उस चिलचिलाती गर्मी में दो घंटे कतार में खड़े होकर 'इंडिया' गठबंधन को वोट दिया था, लेकिन उन्हें बदले में क्या मिला?
#WATCH | AIMIM Maharashtra chief Imtiaz Jaleel says, "BJP did not achieve '400 paar' because of the Muslims who voted to INDIA alliance by standing for two hours in a queue in that scorching heat, but what did they get in response? They were beaten in their own homes in Kolhapur.… pic.twitter.com/ZDAJg2LQt9
— ANI (@ANI) August 19, 2024
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ''कोल्हापुर में लोगों को उनके घरों में घुस-घुसकर मारा. आपने 12 विधान परिषद सीटों में से मुसलमानों को एक भी सीट नहीं दी. जब वक्फ विधेयक लोकसभा में आया, तो पूरी शिवसेना (यूबीटी) कैसे भाग गई.''
पैगंबर मुहम्मद पर हिंदू पुजारी रामगिरि महाराज की कथित अपमानजनक टिप्पणी पर इम्तियाज जलील ने कहा, "जब यह 'बदमाश महाराज' पैगंबर मुहम्मद के बारे में बातें कहते हैं, तो सभी इसे खामोश बैठकर कैसे सुन रहे हैं. कल आप मुझपर ये इल्जाम नहीं लगा सकते हैं कि आप लड़ रहे हैं इस वजह से हम हार रहे हैं.''
एआईएमआईएम के महाराष्ट्र अध्यक्ष ने आगे कहा, ''मैं तो आपके साथ आने के लिए तैयार हूं. मैं तो आपके साथ लड़ने के लिए तैयार हूं. पूरी कोशिश करके बीजेपी को हराने के लिए आपके कांधे से कांधा लड़ाकर संघर्ष करने के लिए तैयार हूं. आप बैठे हैं. गठबंधन को लेकर किसी डिमांड के सवाल पर उन्होंने कहा, ''कोई डिमांड नहीं है. एक बार बैठेंगे तभी न आगे की बात होगी.''
इम्तियाज जलील ने कहा, ''उन्हें अभी तक ख्याल है कि लोकसभा के अंदर जिस तरह से उन्हें वोट मिले थे वैसा ही रिपीट यहां पर होगा, जबकि विधानसभा के चुनाव पूरी तरह से स्थानीय मुद्दों पर होते हैं. तो वो अपनी गलतफहमी दूर कर लें तो शायद फिर हमें बुला लेंगे.''
मुसलमानों के वोट को बिल्कुल नजरअंदाज कर दिया गया था लेकिन अब इतना तो समझ में आ गया है कि ये कॉम जो है वो किंगमेकर का रोल अदा कर सकती है. भले ही लोकसभा में एक भी टिकट किसी पार्टी ने मुसलमान को नहीं दिया. इकलौता मैं यहां सांसद था, जिसे गिराने के लिए पूरी ताकत लगा दी गई.
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