Maharashtra Politics: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ महायुति सरकार के बीच सबकुछ 'ठीक' नहीं चल रहा है. उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता अजित पवार (Ajit Pawar) शनिवार को नागपुर में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ राष्ट्रीय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के संस्थापक के स्मारक पर नहीं गए.
वहीं अजित पवार की आरएसएस संस्थापक के स्मारक पर गैर हाजिरी ने विपक्ष को मुद्दा दे दिया. शरद पवार की अध्यक्षता वाली एनसीपी (एसपी) के विधायक जितेंद्र अव्हाड ने कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि लोग अजित पवार के दिखावे में आकर मूर्ख नहीं बनेंगे.
शरद पवार की पार्टी के विधायक ने कहा कि अजित पवार संघ समर्थित बीजेपी के साथ सत्ता साझा करते हैं. मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने नागपुर में 'माझी लाडकी बहिन' योजना समारोह से पहले नागपुर में हेडगेवार के स्मारक का दौरा किया.
अव्हाड ने आरोप लगाया, ‘‘अजित पवार एक अलग स्तर पर खेल खेल रहे हैं. राजनीतिक रूप से बीजेपी के साथ सत्ता की मलाई खाने वाले अजीत पवार जनता की आखों में धूल झोंक रहे हैं. अजीत पवार आरएसएस संस्थापक के स्मारक से दूरी बनाकर अलग छवि गढ़ने की कोशिश कर रहे हैं. जनता अब बहकावे में नहीं आने वाली है. सार्वजनिक रूप से अजीत पवार अलग काम करते हैं और पर्दे के पीछे की राजनीति अलग होती है."
पीएम मोदी पर क्या बोली शरद पवार की पार्टी?
उन्होंने सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माफी को भी खारिज कर दिया. अव्हाड ने कहा, ‘‘मोदी ने मूर्ति गिरने की घटना पर खेद जताया. संबोधन में उन्होंने वीर सावरकर का मुद्दा क्यों उठाया. सावरकर का अपमान करने वालों से माफी क्यों मांगी? सावरकर का मुद्दा लोकसभा चुनाव से पहले खत्म हो गया था. इसका मतलब है कि मोदी माफी नहीं मांगना चाहते थे. जिस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं कर रहा था, उसे क्यों उठाया जाए?"
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