Ajit Pawar allegation on Eknath Shinde: महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता और एनसीपी विधायक अजित पवार ने शिंदे-फडणवीस सरकार पर कलेक्टर, कृषि सहायक जैसे चार्टर्ड अधिकारियों के तबादलों के लिए रिश्वत लेने का गंभीर आरोप लगाया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि कुछ खास विधायकों को ही ट्रांसफर का अधिकार है और ट्रांसफर रेट कार्ड के आंकड़े भी दिए.


अजित पवार का बड़ा बयान
अजित पवार ने कहा, ''कई आईएएस, आईपीएस अधिकारियों से मेरे अच्छे संबंध हैं. वे कहते हैं, हमारा जिक्र मत करो, लेकिन हमारे पास अधिकार होते हुए भी मौखिक आदेश हैं कि मंत्रालय से सूची में शामिल अधिकारियों को ही आदेश जारी किया जाए. इनमें से कुछ तो विदेश भी जा चुके हैं. तबादला, विदेश जाना और खबर संयोग है या नहीं यह शोध का विषय है.'


अजित पवार ने कहा, “उस समय पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने भी मुख्यमंत्री और राज्यपाल को ट्रांसफर रेट कार्ड भेजा था. इसमें इस बात का जिक्र था कि जिलाधिकारियों का ट्रांसफर रेट क्या है. यह भी तय किया गया है कि तबादले विधायकों द्वारा कलेक्टरों के तबादले की घोषणा के बाद होंगे. यह अधिकार कुछ खास विधायकों को ही दिया गया है. वे इस बात पर भी चर्चा करते हैं कि ट्रांसफर किया जाए या नहीं.”


अजित पवार ने आगे कहा, “मीडिया में प्रकाशित किया गया है कि कृषि सहायक के पद के लिए दर 3 लाख रुपये है. जिन अधिकारियों को लाखों रुपये का भुगतान किया गया है, वे ईमानदारी से कैसे काम कर सकते हैं? चाहे सरकार ने अपनी डोर ले ली हो या सरकार ने दूसरी जगह ले ली हो, जब तक सरकारी अधिकारियों की मानसिकता नहीं बदली जाती तब तक कोई फायदा नहीं. जब तक अधिकारियों की मानसिकता नहीं बदलेगी यह धोखाधड़ी बंद नहीं होगी.


अजित पवार ने भी कहा, “हमारे जुन्नार के विधायक अतुल बेंके यहां बैठे हैं, उनसे भी पूछिए. विभिन्न स्थानों पर अधिकारी काफी हद तक निराश हैं. पत्रकारों को निजी तौर पर अधिकारियों से पूछना चाहिए. कई अधिकारियों का कहना है कि हमें महत्वपूर्ण पोस्टिंग नहीं चाहिए. वे ऐसी चीजें करते हैं जो वे हमसे नहीं चाहते हैं. राज्य के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ."


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