विधायकों के साथ अजित पवार ने किया सिद्धिविनायक का दर्शन, कहा- 'आशीर्वाद मांगा है कि...'
Ajit Pawar in Siddhivinayak Temple: महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने आज विधायकों के साथ सिद्धिविनायक में जाकर पूजा-अर्चना की. कुछ दिन बाद राज्य में विधान परिषद का चुनाव भी होना है.
Siddhivinayak Temple: महाराष्ट्र में 12 जुलाई को विधान परिषद का चुनाव होना है, ऐसे में एक-एक वोट जरूरी है. सदन में क्रॉस वोटिंग न हो इसके लिए आज अजित पवार ने एकजुटता दिखाई है.
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार एनसीपी नेताओं के साथ सिद्धिविनायक मंदिर पहुंचे हैं. इस दौरान उन्होंने पूजा-अर्चना की और आशीर्वाद मांगा. अजित पवार ने कहा, "आज का दिन बहुत पवित्र है. हमने सिद्धिविनायक मंदिर में पूजा-अर्चना की. हमने भगवान से आशीर्वाद मांगा."
#WATCH Mumbai: Maharashtra Deputy CM Ajit Pawar says, "Today is a very holy day...We offered prayers at the Siddhivinayak Temple...We sought blessings from God..." https://t.co/90lwGHQToi pic.twitter.com/uecVfmmgK5
— ANI (@ANI) July 9, 2024
सिद्धिविनायक के दर्शन करने के बाद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार अपने विधायकों के साथ विधान भवन पहुंचे. विधान भवन में प्रवेश करते समय सभी विधायकों ने गणपति बप्पा मोरया बोलना शुरू कर दिया और फिर विधान भवन की सीढ़ी पर खड़े होकर छत्रपति शिवाजी महाराज की जय-जय कार की. अजित पवार के साथ 40 विधायक मौजूद थे.
महाराष्ट्र विधान परिषद की 11 सीटों पर चुनाव घोषित कर दिए गए हैं. 12 जुलाई को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान होगा. चुनाव नतीजे भी इसी दिन सामने आएंगे. इस चुनाव में महाराष्ट्र विधानसभा के विधायक मतदान कर विधान परिषद में अपना प्रतिनिधि चुनेंगे. महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल इस साल 23 नवंबर को समाप्त हो रहा है.
माना जा रहा है कि राज्य में 15 से 20 अक्टूबर के बीच विधानसभा चुनाव होंगे. लेकिन इससे पहले विधान परिषद के 11 सदस्य 27 जुलाई को रिटायर हो रहे हैं. उनके रिटायर होने से पहले चुनाव कराने होंगे, जिसके लिए विधानसभा के विधायक मतदान करेंगे. चुनाव आयोग ने मंगलवार को उन 11 सीटों पर चुनाव घोषित किए हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, विधान परिषद की 11 सीटों के लिए विधायक ही मतदान करेंगे. महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 विधायक है. इसमें से 274 विधायक मतदान कर सकेंगे. विधानसभा के मौजूदा संख्या बल को देखते हुए महायुति और कांग्रेस के लिए चुनाव आसान होगा, जबकि शिवसेना-यूबीटी और शरद पवार की एनसीपी में पड़ी फूट के कारण से उनके लिए चुनाव मुश्किल साबित होंगे.
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