Maharashtra Assembly Election 2024: ​महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मंगलवार (29 अक्टूबर) को करीबी सहयोगी और तत्कालीन गृहमंत्री आरआर पाटिल पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा​ कि हजारों करोड़ रुपये के कथित सिंचाई घोटाले में उनके खिलाफ खुली जांच का आदेश देकर उन्होंने पीठ में छूरा घोंपा था. 


​डिप्टी सीएम अजित पवार ने दावा किया कि आरआर पाटिल की टिप्पणी का उल्लेख करने वाली एक फाइल उन्हें 2014 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री बनने के बाद दिखाई थी. उन्होंने ये दावा एनसीपी उम्मीदवार संजय काका पाटिल के समर्थन में एक रैली को संबोधित करते हुए किया. 


70 हजार करोड़ हेराफेरी का आरोप


दरअसल, काका पाटिल सांगली जिले की तासगांव सीट से दिवंगत नेता आरआर पाटिल के बेटे रोहित के खिलाफ मैदान में हैं. अजित पवार के मुताबिक, ‘‘सिंचाई घोटाले में मेरे खिलाफ आरोप लगाए गए. मुझे बदनाम करने की कोशिश की गई. सिंचाई परियोजना में 70,000 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाने का फैसला किया गया. परियोजना में वेतन का कुल खर्च 42,000 करोड़ रुपये था, जबकि 70,000 करोड़ रुपये की अनियमितता का आरोप लगाया गया.’’  


एनसीपी अजित गुट के प्रमुख ने कहा कि परियोजना के लिए वास्तविक व्यय 43,000 करोड़ रुपये था, लेकिन 70,000 करोड़ रुपये का घोटाला दिखाने के लिए मामला बनाया गया. अजित पवार 1999-2009 के दौरान राज्य के जल संसाधन विकास मंत्री थे. जब महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन की सरकार थी. 


'इस बात को लेकर हो गया परेशान' 


अजित पवार ने विदर्भ सिंचाई विकास निगम के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया था. उस समय कई सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी दी गई थी, जिनमें कथित अनियमितताएं थीं.  उन्होंने दावा किया, ‘‘एक फाइल तैयार की गई और (आरआर पाटिल की अध्यक्षता वाले) गृह विभाग को भेज दी गई. उन्होंने मेरे खिलाफ खुली जांच को मंजूरी दी और फाइल नोट में इसका उल्लेख किया. यह पूरी तरह से पीठ में छूरा घोंपने का मामला था. मैं बहुत परेशान हो गया, क्योंकि वह (आरआर पाटिल) मेरे करीबी सहयोगी थे.’’  


इसके बाद शरद पवार के नेतृत्व वाली तत्कालीन एनसीपी ने विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले कांग्रेस से नाता तोड़ते हुए सितंबर 2014 में तत्कालीन पृथ्वीराज चव्हाण के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. 


बता दें कि महाराष्ट्र के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने 28 नवंबर 2019 को शिवसेना, तत्कालीन अविभाजित राकांपा और कांग्रेस के गठबंधन वाली महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के शपथ लेने के बाद करोड़ों रुपये के विदर्भ सिंचाई घोटाले में अजित पवार को क्लीन चिट दे दी थी. आरआर पाटिल ने 2004 से 2014 तक कांग्रेस-राकांपा सरकारों के कार्यकाल के दौरान काफी समय तक राज्य के गृह मंत्री के रूप में कार्य किया था. 


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