Maharashtra Politics:  राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता अजित पवार ने मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार के उस दावे को ‘सरासर झूठ’ करार दिया, जिसमें कहा गया था कि वेदांता-फॉक्सकॉन ने अपनी परियोजना को गुजरात ले जाने का फैसला उस वक्त किया था, जब महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सत्ता में थी.


एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार और विपक्षी दल एक दूसरे को अरबों की परियोजना के पड़ोसी राज्य गुजरात जाने के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. भारतीय समूह वेदांता और ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी फॉक्सकॉन के संयुक्त उद्यम के तहत सेमीकंडक्टर बनाने की परियोजना को पूर्व में पुणे शहर के पास स्थापित करने का प्रस्ताव था, लेकिन अब यह गुजरात जाएगी.


इस साल जून में शिंदे द्वारा शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ बगावत के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार गिर गई. एमवीए सरकार में शिवसेना के साथ घटक दल के तौर पर NCP और कांग्रेस भी शामिल थी.


महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि जब एमवीए सरकार सत्ता में थी तो प्रत्येक सब्सिडी के लिए ‘‘10 प्रतिशत कमीशन’’ का भुगतान करना पड़ता था.


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मुंबई में मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में अजित पवार ने सरकार को इस आरोप की जांच करने की चुनौती दी कि एमवीए सरकार में कुछ लोगों द्वारा पैसे मांगे जा रहे थे, जिसके कारण (वेदांता-फॉक्सकॉन) कंपनी ने गुजरात में अपना संयंत्र स्थापित करने का निर्णय लिया.


महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पवार ने कहा, ‘‘वे (भाजपा) केंद्र, राज्य में सत्ता में हैं और उनके साथ अन्य एजेंसियां हैं. जांच करा लें...चीजें स्पष्ट हो जाएंगी.’’ पवार ने कहा कि ऐसी खबरें हैं कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे दिल्ली जा रहे हैं. NCP नेता ने मुख्यमंत्री से वेदांता-फॉक्सकॉन परियोजना को वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास करने का आग्रह किया.


'कुछ लोग अफवाह फैला रहे हैं कि....'
पवार ने कहा, ‘‘कुछ लोग अफवाह फैला रहे हैं कि वेदांता ने (एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली नयी सरकार के) सत्ता में आने से पहले (गुजरात में अपना संयंत्र स्थापित करने का) निर्णय लिया था, जो सरासर झूठ है.’’ पवार ने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक उच्चाधिकार समिति की बैठक 15 जुलाई को हुई थी, जबकि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार जून में ही गिर गई थी.


फडणवीस ने शुक्रवार को कहा था कि इस साल जून के अंत में कार्यभार संभालने के बाद, उन्होंने वेदांता के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल से मुलाकात की थी और राज्य ने गुजरात के प्रस्ताव के समान कंपनी को एक विशेष पैकेज की पेशकश की थी, लेकिन उन्हें बताया गया कि परियोजना को पड़ोसी राज्य में स्थानांतरित करने का निर्णय अपने अंतिम चरण में है. फडणवीस ने कहा था, ‘‘हमारे सत्ता में आने से पहले ही फैसला हो गया था. जब हम सत्ता में आए तो हमने हर संभव कोशिश की, जिन्होंने कुछ नहीं किया वे हम पर उंगलियां उठा रहे हैं.’’


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