एनसीपी के अध्यक्ष अजित पवार ने कहा कि गुरुवार (28 नवंबर) को वो देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के साथ दिल्ली जाएंगे. उन्होंने कहा कि आगे की बातचीत दिल्ली में होगी. उन्होंने ये भी कहा कि एक सीएम और दो डिप्टी के साथ सरकार गठन पर चर्चा होगी. जब उनसे सवाल किया गया कि एकनाथ शिंदे को कौन सा पद मिलेगा, कैबिनेट में कितनी सीटें मिलेंगी, इस पर उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा आपको क्या बताया जा सकता है.
विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि अब ईवीएम को दोष दिया जा रहा है. पश्चिम बंगाल, पंजाब, केरल और तेलंगाना के नतीजे आएं तो ईवीएम अच्छी है और अगर नतीजे विपरीत आए तो ईवीएम खराब है?
शिंदे ने सीएम पद पर दावा छोड़ा
इस बीच बुधवार (27 नवंबर) का दिन महाराष्ट्र और महायुति के लिए अहम रहा. चुनाव नतीजों के बाद एकनाथ शिंदे की 'चुप्पी' ने अटकलों का बाजार गरम कर दिया था. उन्होंने ठाणे में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और साफ कर दिया कि अगर राज्य में बीजेपी का सीएम होगा तो उन्हें कोई समस्या नहीं है. उन्होंने कहा कि बीजेपी जिसे भी सीएम बनाएगी, उसे वो पूरा समर्थन देंगे.
मेरे मन में सीएम पद की लालसा नहीं- शिंदे
एकनाथ शिंदे ने साफ किया कि उनके मन में सीएम पद की कोई लालसा नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं रोने वालों में से नहीं हूं बल्कि लड़ने और काम करने वालों में से हूं. महायुति की मजबूती पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि वो मिलकर काम करेंगे और महाराष्ट्र के लोगों के हितों को आगे बढ़ाएंगे.
बता दें कि अजित पवार ने पहले ही बीजेपी हाईकमान को ये संदेश पहुंचा दिया था कि बीजेपी के सीएम से उन्हें कोई परेशानी नहीं है. सूत्र बताते हैं कि शिंदे गुट ने अजित पवार गुट से सीएम पद के लिए संपर्क भी किया था.
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