एक्सप्लोरर

चुनाव परिणाम 2024

(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)

अजित पवार को डिप्टी सीएम बनाते ही जा चुकी है अब तक तीन मुख्यमंत्रियों की कुर्सी

सियासी तौर पर अजित पवार अब तक बतौर उप मुख्यमंत्री अपने मुख्यमंत्रियों के लिए 'बैड लक' साबित हुए हैं. अजित पवार के डिप्टी सीएम रहते हुए कोई भी नेता 5 साल तक मुख्यमंत्री नहीं रह पाए.

शरद पवार से बगावत कर अजित पवार 5वीं बार महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बन गए हैं. अजित के सरकार में शामिल होने के बाद शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने एकनाथ शिंदे को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है. राउत ने कहा है कि एकनाथ शिंदे को जल्द ही मुख्यमंत्री पद से हटाया जाएगा. 

शिवसेना (यूपीटी) के मुखपत्र सामना ने भी एकनाथ शिंदे की कुर्सी को खतरे में बताया है. शिवसेना के दावे के पीछे 2 मुख्य वजह भी है. पहला, शिंदे समेत 16 विधायकों की सदस्यता पर संकट और दूसरा अजित जिस मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री बने, वो 5 साल तक अपने पद पर नहीं रहे. 

इतना ही नहीं, अजित के कई मुख्यमंत्री बॉस बाद में राजनीति के नेपृथ्य में चले गए तो कई का सियासी कद घट गया. इस स्टोरी में आइए जानते हैं, कैसे मुख्यमंत्रियों के लिए बैड लक साबित हुए हैं अजित पवार...

पहले जानिए शिंदे के हटने की अटकलें क्यों?
शिंदे गुट के 16 विधायकों की सदस्यता का मामला स्पीकर के पास है. सुप्रीम कोर्ट ने तय समय में इस पर फैसला लेने के लिए विधानसभा स्पीकर से कहा था लेकिन 4 महीने बाद भी फैसला नहीं हो पाया है. 

4 जुलाई को उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. उद्धव गुट ने कोर्ट से कहा है कि स्पीकर को आदेश विधायकों की सदस्यता रद्द के लिए तुरंत आदेश दिया जाए.

इसी बीच समाचार एजेंसी रेडिफ डॉट कॉम ने दावा किया है कि 10 अगस्त से पहले राहुल नार्वेकर सदस्यता पर फैसला कर सकते हैं और एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री पद से हट सकते हैं. एजेंसी के मुताबिक 11 अगस्त को अजित पवार मुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं.


अजित पवार को डिप्टी सीएम बनाते ही जा चुकी है अब तक तीन मुख्यमंत्रियों की कुर्सी

(2019 के चुनाव में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था)

कहानी उन मुख्यमंत्रियों की, जिसके साथ अजित डिप्टी सीएम रहे....

महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य से गायब पृथ्वीराज
अजित पवार सबसे पहले पृथ्वीराज चव्हाण की सरकार में 10 नवंबर 2010 को उप मुख्यमंत्री बने थे. चव्हाण सरकार में 4 साल तक डिप्टी सीएम पद पर अजित रहे, लेकिन सरकार रिपीट नहीं कर पाई. 

2014 के चुनाव में कांग्रेस 42 और एनसीपी 41 सीटों पर सिमट गई. हार के के लिए अजित की पार्टी ने पृथ्वीराज चव्हाण को जिम्मेदार ठहराया. महाराष्ट्र की हार के बाद पृथ्वीराज राजनीतिक परिदृश्य से ही गायब हो गए. 

कांग्रेस ने उन्हें न संगठन और न ही राज्य में कोई बड़ी जिम्मेदारी दी. 2019 में पृथ्वीराज के स्पीकर बनने की अटकलें थी, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने नाना पटोले को यह पद दे दिया. पृथ्वीराज इसके बाद कांग्रेस के जी-23 गुट में भी रहे. 

कई बार पृथ्वीराज चव्हाण के कांग्रेस छोड़ने की भी अटकलें लगी. चव्हाण वर्तमान में सतारा के कराद दक्षिण से विधायक हैं. इसके अलावा उनके पास कोई भी बड़ा पद नहीं है.

3 दिन सीएम रह पाए फडणवीस, अब अजित के साथ डिप्टी
2014 में पृथ्वीराज-अजित की सरकार को सत्ता से बेदखल करने के बाद बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बने. शिवसेना के सहयोग से फडणवीस की सरकार पूरे पांच साल तक चली. 

2019 के चुनाव में फडणवीस के चेहरे पर बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बन गई, लेकिन सरकार बनाने के जादुई आंकड़ें से काफी दूर रह गई. इसी बीच उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री कुर्सी पर दावा ठोक दिया, जिससे शिवसेना-बीजेपी के बीच बात बिगड़ गई.


अजित पवार को डिप्टी सीएम बनाते ही जा चुकी है अब तक तीन मुख्यमंत्रियों की कुर्सी

(Photo- PTI)

कुर्सी के लिए खेल महाराष्ट्र में चल ही रहा था कि एनसीपी के अजित पवार के साथ देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. अजित सरकार में डिप्टी सीएम बने. सीनियर पवार अजित के फैसले से नाखुश थे और खेल ही पलट दिया. 

फडणवीस की सरकार सिर्फ 3 दिन तक ही चल पाई और नंबर गेम की वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. 2022 में शिवसेना (शिंदे) और बीजेपी की सरकार में देवेंद्र फडणवीस को उप मुख्यमंत्री बनाया गया.

सियासी गलियारों में कहा गया कि फडणवीस को अजित के साथ सीएम पद की शपथ लेने की सजा हाईकमान से मिली है. वर्तमान में अजित के साथ फडणवीस भी महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं.

सियासी वजूद की लड़ाई लड़ रहे हैं उद्धव
30 दिसंबर 2019 से 29 जून 2022 तक उद्धव ठाकरे की सरकार में अजित पवार उप मुख्यमंत्री रहे. बागी होने के बावजूद अजित को शरद पवार ने एनसीपी कोटे का उप मुख्यमंत्री पद दिया था. अजित के पास वित्त और योजना जैसे महत्वपूर्ण विभाग थे.


अजित पवार को डिप्टी सीएम बनाते ही जा चुकी है अब तक तीन मुख्यमंत्रियों की कुर्सी

सरकार को कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी का सहयोग प्राप्त था, लेकिन ढ़ाई साल के भीतर ही गिर गई. शिंदे गुट की बगावत की वजह से सरकार गंवाने वाले उद्धव के हाथ से पार्टी भी चली गई. चुनाव आयोग ने शिवसेना का सिंबल शिंदे को दे दिया है. 

शिंदे गुट अभी सत्ता में है और पार्टी पर ही उसका वर्चस्व है. सरकार गिरने के बाद उद्धव के कई करीबी उनका साथ छोड़ चुके हैं. कुल मिलाकर कहा जाए तो उद्धव महाराष्ट्र में सियासी वजूद की लड़ाई लड़ रहे हैं. 

जिनके अधीन मंत्री रहे अजित, उन मुख्यमंत्रियों का क्या हुआ?
1. सुधाकर नाईक- अजित पवार सबसे पहले सुधाकर राव नाईक की सरकार में मंत्री बने. नाईक 1991 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने थे. नाईक सरकार में अजित को राज्य मंत्री बनाया गया था. 1992 में बाबरी विध्वंस के बाद महाराष्ट्र में दंगे हुए.

इसके बाद 1993 के शुरुआत में बम बलास्ट की खबरें आनी शुरू हो गई, जिसके बाद कांग्रेस हाईकमान ने नाईक को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से हटा दिया. नाईक इसके बाद केंद्र की राजनीति में आ गए. राज्यपाल और सांसद रहे.

2. शरद पवार- 1993 में शरद पवार कांग्रेस कोटे से मुख्यमंत्री बनाए गए. पवार सरकार में अजित को भी मंत्री बनाया गया. अजित भले पवार सरकार में राज्यमंत्री थे, लेकिन उनका रसूख काफी ज्यादा था.

1995 के चुनाव में कांग्रेस महाराष्ट्र में हार गई. शरद पवार को मुख्यमंत्री पद से हट गए. पवार इसके बाद कभी भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री नहीं बन पाए. 1999 में उन्हें खुद की पार्टी बनानी पड़ी.

3. विलास राव देशमुख- 1999-2003 और 2004-2008 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे विलासराव देशमुख की सरकार में अजित मंत्री थे. 2003 में विलासराव को कामकाज के आधार पर हटा दिया गया, जबकि 2008 में मुंबई आतंकी हमले की वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. 

इसके बाद वे महाराष्ट्र की राजनीति से अलग-थलग हो गए. मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद विलासराव केंद्र की राजनीति में आ गए और मनमोहन सरकार में मंत्री बने.


अजित पवार को डिप्टी सीएम बनाते ही जा चुकी है अब तक तीन मुख्यमंत्रियों की कुर्सी

4. अशोक चव्हाण- विलासराव देशमुख के बाद कांग्रेस ने अशोक चव्हाण को महाराष्ट्र की कमान सौंपी. चव्हाण सरकार में भी अजित मंत्री बने. उन्हें जल संसाधन जैसे महत्वपूर्ण विभाग मिले, लेकिन अशोक चव्हाण की सरकार भी चल नहीं पाई. 

2010 में अशोक चव्हाण को आदर्श सोसाइटी घोटाले में नाम आने की वजह से मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. चव्हाण इसके बाद 2019 तक राजनीतिक नेपृथ्य में रहे. 2019 में उद्धव की सरकार बनी तो उन्हें मंत्री बनाया गया.

अजित पवार के सियासी सफर पर एक नजर
महाराष्ट्र के सहकारिता आंदोलन से निकले शरद पवार अपने दांव-पेंच से मुख्यमंत्री तो बन गए, लेकिन उनकी सरकार ज्यादा दिनों तक नहीं टिक पाई. इंदिरा गांधी ने 1980 में पवार की सरकार भंग कर दी. इंदिरा से लड़ने के लिए पवार मुंबई में रणनीति बनाने लगे. 

इधर, मराठा में उन्हें सहकारी आंदोलन को संभालने के लिए उत्तराधिकारी की जरूरत थी. पवार ने अजित के कंधे पर यह जिम्मेदारी सौंपी. 1982 में अजित पहली बार सहकारी बोर्ड के चुनाव जीते. उस वक्त अजित सिर्फ 23 साल के थे. 

1988 में शरद पवार फिर से मुख्यमंत्री बने. अब अजित को बारामती में उनके कामकाज को देखने की जिम्मेदारी मिली. 1991 में वे पुणे जिला सहकारी बैंक (पीडीसी) के अध्यक्ष बन गए. इसी साल बारामती सीट से सांसदी का चुनाव भी अजित जीत गए.

हालांकि, शरद पवार के महाराष्ट्र में शरद पवार से मुख्यमंत्री की कुर्सी छीन गई. चाचा के दिल्ली जाने के लिए अजित ने बारामती सीट से इस्तीफा दे दिया. पवार नरसिम्हा राव की सरकार में रक्षा मंत्री बनाए गए. अजित विधायक बनकर नाईक सरकार में मंत्री बन गए.

2 साल बाद पवार फिर महाराष्ट्र लौटे तो अजित को अपने कैबिनेट में शामिल किया. 1995 में चुनाव हारने के बाद पवार फिर दिल्ली की पॉलिटिक्स में सक्रिय हो गए. इसी बीच अजित मराठवाड़ा बेल्ट में मजबूत पकड़ बनानी शुरू कर दी.

1999 में एनसीपी बनने के बाद अजित को संगठन बनाने की जिम्मेदारी मिली. अजित ने अपने करीबियों के पक्ष में जमकर लॉबीबाजी की. 2006 तक अजित ही शरद पवार के उत्तराधिकारी माने जाते रहे. 2004 में उनके मुख्यमंत्री बनने की अटकलें भी लगी.


अजित पवार को डिप्टी सीएम बनाते ही जा चुकी है अब तक तीन मुख्यमंत्रियों की कुर्सी

(Photo- Sharad Pawar FC)

2006 में शरद पवार ने अपनी बेटी सुप्रिया सुले को राज्यसभा में भेज दिया. इसके बाद से ही अजित की भविष्य पर चर्चाएं शुरू हो गई. शुरुआत के सालों में पवार भतीजे को महाराष्ट्र और बेटी को दिल्ली की पॉलिटिक्स में उलझाए रखा. 

2019 में अजित के बगावत के बाद से ही सीनियर पवार बेटी सुप्रिया को आगे करना शुरू कर दिया. सुप्रिया को हाल ही में एनसीपी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था. 

दिव्य मराठी को दिए इंटरव्यू में छगन भुजबल ने कहा है कि टूट की सबसे बड़ी वजह सुप्रिया सुले है. शरद पवार ने उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर अजित के साथ अन्याय किया.

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

कौन बनेगा मुख्यमंत्री? महाराष्ट्र में CM पद के लिए उद्धव ठाकरे-एकनाथ शिंदे के नाम के लगे पोस्टर
कौन बनेगा मुख्यमंत्री? महाराष्ट्र में CM पद के लिए उद्धव ठाकरे-एकनाथ शिंदे के नाम के लगे पोस्टर
UP ByPolls 2024: यूपी उपचुनाव में 9 सीटों की काउंटिंग से पहले बीजेपी का बड़ा दावा, अखिलेश पर बरसे सांसद
यूपी उपचुनाव में 9 सीटों की काउंटिंग से पहले बीजेपी का बड़ा दावा, अखिलेश पर बरसे सांसद
IND vs AUS 1st Test 2nd Day Live: ऑस्ट्रेलिया को लगा 9वां झटका, हर्षित राणा ने नाथन लियोन को भेजा पवेलियन; 79 रन पर पहुंचा स्कोरबोर्ड
ऑस्ट्रेलिया को लगा 9वां झटका, हर्षित राणा ने नाथन लियोन को भेजा पवेलियन
Maharashtra-Jharkhand Assembly Election Results 2024: आ गया पहला रुझान, जानिए महाराष्ट्र-झारखंड में कौन आगे कौन पीछे
आ गया पहला रुझान, जानिए महाराष्ट्र-झारखंड में कौन आगे कौन पीछे
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Jharkhand Election Result : झारखंड चुनाव में BJP से आगे निकली Congress | Rahul GandhiJharkhand Election Result : झारखंड चुनाव में BJP-Congress के बीच बराबर का मुकाबलाMaharashtra Election Result : विधानसभा चुनाव के नतीजों में BJP को 63 सीटों पर बढ़त | CongressWayanad Byelection Result : वायनाड उपचुनाव में हजारों वोट से आगे Priyanka Gandhi | Congress

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
कौन बनेगा मुख्यमंत्री? महाराष्ट्र में CM पद के लिए उद्धव ठाकरे-एकनाथ शिंदे के नाम के लगे पोस्टर
कौन बनेगा मुख्यमंत्री? महाराष्ट्र में CM पद के लिए उद्धव ठाकरे-एकनाथ शिंदे के नाम के लगे पोस्टर
UP ByPolls 2024: यूपी उपचुनाव में 9 सीटों की काउंटिंग से पहले बीजेपी का बड़ा दावा, अखिलेश पर बरसे सांसद
यूपी उपचुनाव में 9 सीटों की काउंटिंग से पहले बीजेपी का बड़ा दावा, अखिलेश पर बरसे सांसद
IND vs AUS 1st Test 2nd Day Live: ऑस्ट्रेलिया को लगा 9वां झटका, हर्षित राणा ने नाथन लियोन को भेजा पवेलियन; 79 रन पर पहुंचा स्कोरबोर्ड
ऑस्ट्रेलिया को लगा 9वां झटका, हर्षित राणा ने नाथन लियोन को भेजा पवेलियन
Maharashtra-Jharkhand Assembly Election Results 2024: आ गया पहला रुझान, जानिए महाराष्ट्र-झारखंड में कौन आगे कौन पीछे
आ गया पहला रुझान, जानिए महाराष्ट्र-झारखंड में कौन आगे कौन पीछे
UP By-Election Results 2024 Live: यूपी उपचुनाव में बड़ा उलटफेर, तुर्क मुसलमानों वाली सीट पर BJP प्रत्याशी आगे
Live: यूपी उपचुनाव में बड़ा उलटफेर, तुर्क मुसलमानों वाली सीट पर BJP प्रत्याशी आगे
IPO Update: अमीर निवेशक नहीं लगा रहे आईपीओ में पैसा! एनटीपीसी ग्रीन-स्विगी-हुंडई मोटर तरस गए HNI इंवेस्टर्स के निवेश के लिए
अमीर निवेशक नहीं लगा रहे IPO में पैसा! एनटीपीसी ग्रीन-स्विगी-हुंडई मोटर तरस गए HNI इंवेस्टर्स के निवेश के लिए
Zomato In Sensex: जोमैटो हुआ बीएसई सेंसेक्स में शामिल, 23 दिसंबर से इंडेक्स में करेगा ट्रेड, निफ्टी 50 में भी हो सकता है शामिल
जोमैटो हुआ बीएसई सेंसेक्स में शामिल, 23 दिसंबर से इंडेक्स में करेगा ट्रेड, निफ्टी 50 में भी हो सकता है शामिल
भारत में हिमालय नहीं होते तो क्या होता? जान लीजिए आज
भारत में हिमालय नहीं होते तो क्या होता? जान लीजिए आज
Embed widget