Ajit Pawar Interview: महाराष्ट्र में एनसीपी अध्यक्ष और डिप्टी सीएम अजित पवार ने चाचा शरद पवार के खिलाफ बड़ा बयान दिया है. उन्होंने खुलासा करते हुए कहा कि शरद पवार 2014, 2017 और 2019 में कई बार बीजेपी के साथ सरकार बनाने के लिए तैयार थे. विदर्भ में हुई कम वोटिंग को लेकर अजित पवार ने कहा, विदर्भ में धुप की वजह से काफी कम वोटिंग हुई है. हमने लोगों से अपील की है कि आप छुट्टी मनाएं पर वोटिंग करने के लिए जरुर आयें.


'पवार Vs पवार यह लड़ाई महाराष्ट्र को शोभा देती है?
इस सवाल का जवाब देते हुए अजित पवार ने कहा, महाराष्ट्र के संविधान के हिसाब से यह चल रहा है. आप बार-बार फैमिली का चुनाव ना करें. यह नरेंद्र मोदी को जिताने के लिए चुनाव है. बीजेपी और शिवसेना दोनों दोस्त रहे हैं, और दो बार उन्होंने सत्ता भी बनाई है.


2014 में भी बीजेपी के साथ फैसला हुआ था, तभी प्रफुल्ल पटेल ने बीजेपी के साथ बाहर से समर्थन देने का ऐलान किया था. फिर 2014 में बीजेपी और ठाकरे की सरकार बन गयी थी. हमारे वरिष्ठ का निर्णय था इसलिए हम चुप बैठ गये.


फिर 2017 में पवार साहब ने कही मीटिंग कर ली. उस समय बीजेपी और राष्ट्रवादी ने एकसाथ आने के लिए प्रस्ताव दिया था, और यह दिल्ली में हुई मीटिंग में तय हुआ था. शिवसेना को बाहर निकालकर बीजेपी और राष्ट्रवादी की सरकार बनाने की कोशीश की गयी थी. पर बीजेपी ठाकरे को छोड़ने के लिए तैयार नहीं थी.


2019 में फिर बीजेपी के साथ जाने का तय हुआ, फिर बाद में निर्णय बदल दिया और महाविकास अघाड़ी की स्थापना करके सत्ता में आए.


पवार ऐसी भूमिका क्यों बदल रहे हैं?
अजित पवार ने जवाब दिया कि यह उन्होंने क्यों किया इसके बारे में मेरी तरफ से नो कमेंट. 


बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ प्रचार करते हुए दुख होता है? 
अजित पवार ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि चुनाव के वक्त इमोशनल रहकर नहीं चलती. यह पहली बार नहीं हुआ है. 1961 में बाय इलेक्शन के वक्त ऐसी धटना हुई है. हमारे बड़े चाचा के खिलाफ एक चाचा ने प्रचार किया था.


देवेंद्र फडणवीस से शपथ लेने पर क्या बोले अजित पवार?
देवेंद्र फडणवीस के साथ शपथ लेने के बाद आप सुप्रिया सुले को चॅाकलेट लेकर मिलने गए थे, फिर वह क्या था? इस सवाल का जवाब देते हुए अजित पवार ने कहा, उस वक्त जो हुआ वह हुआ, 2019 में अमित भाई के सामने बताया गया था की बीजेपी के साथ सरकार बनानी है. उस समय पवार साहब भी साथ थे. सरकार बन नहीं रही थी इसलिए राष्ट्रपति शासन लगाया गया था. यह माहौल बनाना था.


शरद पवार 2024 में आपके साथ जुड़ जाएंगे? 
अजित पवार ने कहा, उनके कई सहयोगियों को लगता है कि हमारे साथ आना चाहिए. राजनीति में कोई किसी का दोस्त और दुश्मन नहीं होता. सोनिया गांधी परदेश की बहू है. ऐसा कहकर कांग्रेस का साथ किसने छोड़ा? फिर चार महीने में पवार साहब ने सोनिया गांधी के साथ सरकार बनाई थी.


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