Maharashtra MLA Disqualification Case: अजित पवार खेमे के एनसीपी विधायकों की अयोग्यता पर फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर को 15 फरवरी तक का समय दिया है.
इससे पहले कोर्ट ने शरद पवार गुट की याचिका सुनते हुए एकनाथ शिंदे सरकार को समर्थन दे रहे इन विधायकों की अयोग्यता पर स्पीकर को 31 जनवरी तक फैसला लेने कहा था. सोमवार (29 जनवरी) को स्पीकर ने कोर्ट से 3 सप्ताह का अतरिक्त समय मांगा. कोर्ट ने 15 दिन का समय दिया.
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ के सामने स्पीकर के कार्यालय की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए. मेहता ने कहा कि अयोग्यता याचिकाओं पर आदेश पारित करने के लिए कुछ और समय की आवश्यकता होगी.
पीठ ने क्या कहा?
पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘25 जनवरी के (विधानसभा अध्यक्ष के) आदेश में अध्यक्ष ने संकेत दिया है कि प्रतिवादियों (राकांपा गुटों) के लिए गवाहों से जिरह पूरी नहीं की जा सकी है.’’
पीठ ने कहा, ''हम आदेशों पर डिक्टेशन पूरा करने के लिए 15 फरवरी, 2024 तक का समय देते हैं.''
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के शरद पवार गुट के जयंत पाटिल ने स्पीकर को निर्देश देने के लिए सुप्रीम कोर्ट याचिका दायर की थी.
बता दें कि पिछले साल जुलाई में अजित पवार ने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत कर दी थी और शिंदे की सरकार में शामिल हो गए थे. अजित पवार इस समय उपमुख्यमंत्री हैं.
इसके बाद शरद पवार गुट ने उनके साथ गए विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की और जल्द से जल्द फैसला लेने का अनुरोध किया.
अजित पवार के साथ वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने भी पाला बदल लिया था. पार्टी के चुनाव चिह्न और नाम को लेकर मामला इस समय चुनाव आयोग में है.
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