Maharashtra NCP Crisis: एनसीपी पर कब्जे की लड़ाई तेज हो गई है. अजित पवार के धड़े ने सुनील तटकरे को महाराष्ट्र एनसीपी का अध्यक्ष बनाया दिया है. प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के नाते उन्होंने महाराष्ट्र एनसीपी की जिम्मेदारी सुनील तटकरे को देने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि पार्टी में चुनाव नहीं हुए थे. जो पहले के पदाधिकारी थे उनको चार्ज दिया था. महाराष्ट्र में हमने जयंत पाटिल को जिम्मेदारी दी थी लेकिन अब सुनील तटकरे महाराष्ट्र एनसीपी के अध्यक्ष होंगे. 


प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि सुनील तटकरे को ये अधिकारी दिया गया है कि वो आगे पार्टी में बदवाल भी कर सकते हैं. चाहे वो महिला विंग हो या यूथ विंग हो. महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष को सूचित किया है कि हमारे नेता अजित पवार चुने गए हैं. ये नियुक्ति पार्टी करती है. अनिल भाईदास पाटिल चीफ व्हिप होंगे. हम शिंदे सरकार के साथ हैं.


बता दें कि अजित पवार गुट के फैसले से कुछ ही समय पहले शरद पवार ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल का नाम एनसीपी पार्टी के सदस्यों के रजिस्टर से हटाने का आदेश दिया. लेकिन अब उल्टा प्रफुल्ल पटेल ने ही महाराष्ट्र एनसीपी अध्यक्ष की नियुक्ति कर दी. वहीं, जयंत पाटिल ने महाराष्ट्र एनसीपी के अध्यक्ष के तौर पर शिंदे सरकार में शपथ लेने वाले सभी विधायकों को पार्टी से बर्खास्त कर दिया.


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अजित पवार गुट के इस फैसले को एनसीपी पर कब्जा जमाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है. ये ठीक उसी तरह का सियासी घटनाक्रम है जैसा उद्धव ठाकरे के साथ हुआ था. एकनाथ शिंदे ने बगावत के बाद शिवसेना पार्टी पर दावा ठोंक दिया था. मामला चुनाव आयोग की दहलीज तक जा पहुंचा. इसके बाद चुनाव आयोग ने असली शिवसेना शिंदे गुट को बताया. इसके साथ ही चुनाव चिन्ह भी शिंदे गुट को सौंप दिया गया. वहीं दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे को शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) दिया गया और चुनाव चिन्ह के तौर पर मसाल दिया गया था.