Ajit Pawar on Jayant Patil: इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (आईएल एंड एफएस) मामले में एनसीपी नेता जयंत पाटिल से ED ने कल (22 मई) साढ़े नौ घंटे तक पूछताछ की थी. ED द्वारा समन जारी किए जाने के बाद से जांच तक महाविकास अघाड़ी (MVA) के कई नेताओं ने प्रतिक्रिया दी थी. हालांकि, एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने इस मामले पर टिप्पणी करने से परहेज किया. आखिरकार अजित पवार ने इस मसले पर अपनी चुप्पी तोड़ दी है और जयंत पाटिल की पूछताछ पर प्रतिक्रिया दी है. आज उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और विभिन्न विषयों पर चर्चा की.


जयंत पाटिल ने दी ये जानकारी
जयंत पाटिल ने खुद इस बात की जानकारी दी कि जयंत पाटिल की ED की पूछताछ के बाद अजित पवार ने फोन नहीं किया. पत्रकारों ने अजित पवार से इस बारे में पूछा. उन्होंने कहा, “केन्द्रीय और राज्य स्तर की अलग-अलग प्रणालियां हैं. इन एजेंसियों के पास व्यक्तिगत नागरिकों से पूछताछ करने की शक्ति है. इन एजेंसियों द्वारा जांच के लिए बुलाए जाने के बाद नेता पूरा सहयोग करते हैं. साढ़े नौ बजे रिहा होने के बाद पाटिल का बयान हमने देखा है.'


क्या बोले अजित पवार?
अजित पवार ने आगे कहा, "सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों ने मुंबई सत्र में ऊपरी सदन में जो कहा वह रिकॉर्ड में है. कांग्रेस में कई साल तक मंत्री रहने के बाद जब मंत्री जी बीजेपी में शामिल हुए तो उन्होंने एक कार्यक्रम में ऐलान किया कि मैं यहां आया हूं, कोई दिक्कत नहीं है, हम खुश हैं. सांगली जिले में भी यही कहानी सांसदों ने सुनाई. दरअसल, एक तरफ सत्ता पक्ष की ओर से इस तरह के बयान आते रहते हैं.


जांच बुलाए जाने के बाद घबराने की कोई बात नहीं है. कुछ ने पहले के उदाहरण दिए कि कैसे यूपीए सरकार के दौरान मोदी और शाह को भी आमंत्रित किया गया था और इसी तरह. लेकिन नफरत, राजनीतिक बदले की भावना से किसी को नहीं बुलाया जाना चाहिए. उन्होंने आगे बताया कि अगर उन्हें कोई सुराग मिलता है तो उन्हें नोटिस जारी करने का अधिकार है.


क्यों छिड़ी बहस?
जयंत पाटिल की ED पूछताछ राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है. जहां यह भी कहा जा रहा है कि उनकी पूछताछ को लेकर राज्य के वरिष्ठ नेता खामोश हैं, वहीं  जयंत पाटिल ने  जवाब दिया है कि उन्हें तमाम नेताओं के फोन आए हैं. “अगर किसी का नाम बना रहता है, तो यह एक गलती होगी. तो मैंने बताया कि महाराष्ट्र के सभी प्रमुख नेताओं के फोन आए. अलग-अलग पार्टियों के हमारे सभी दोस्तों के फोन आए. आज सुबह भी फोन आया."


एक तरफ जयंत पाटिल ने कहा, 'एक नेता का नाम नहीं लिया तो गलती होगी, इसलिए मैं कह रहा हूं कि सभी ने फोन किया.' लेकिन दूसरी तरफ उन्होंने अजित पवार का अलग से जिक्र किया. यह सवाल पूछे जाने पर जयंत पाटिल ने साफ कहा कि ''उनका फोन नहीं आया है.'' लिहाजा इन दोनों के बीच फिर से नाराजगी के चर्चे शुरू हो गए हैं.


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