Beed Sarpanch Murder: अजित पवार की पार्टी एनसीपी ने शनिवार को बीड जिला के अपने एक नेता को निष्कासित कर दिया. उन्हें सरपंच के अपहरण और हत्या मामले में गिरफ्तार  किया गया था. सरपंच की हत्या से मराठा समुदाय में नाराजगी थी. 


हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक आष्टी विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक ने सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मामले की जांच के लिए एसआईटी के गठन की मांग की थी. हत्या के अगले दिन ही बीजेपी के एक विधायक ने देवेंद्र फडणवीस को चिट्ठी लिखकर मांग की थी, ''संतोष देशमुख मासाजोग में लोकप्रिय सरपंच थे.


विंडमिल कंपनी से उगाही में शामिल गैंग ने उनका अपहरण कर उनकी निर्ममता से हत्या कर दी. पहली नजर में ऐसा लग रहा है कि पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया. इसलिए मैं एसआईटी के गठन की अपील करता हूं.''


अमित शाह से मिलकर बीड सांसद ने की यह मांग


जबकि बीड से सांसद बजरंग सोनावने ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर हत्या मामले में सीबीआई जांच की मांग  की थी. इस बीच एनसीपी ने अपने नेता और आरोपी विष्णु चैते को निष्कासित कर दिया जो कि बीड के केज तहसील में पार्टी का नेतृत्व कर रहे थे. केज तहसील में मराठा सरपंच संतोष देशमुख का 9 दिसंबर को अपहरण कर लिया गया था और 2 करोड़ रुपये मांगे गए थे.


अपहरण के बाद संतोष की हत्या कर दी गई थी. संतोष देशमुख के शव की तस्वीर भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी जिससे मराठा समुदाय में नाराजगी थी. 


एनसीपी नेता ने भी की दोषियों को सजा दिलाने की मांग


इस मामले में विष्णु चैते के अलावा सुदर्शन घुले को गिरफ्तार किया गया है. जबकि एनसीपी नेता धनंजय मुंडे का करीबी वाल्मीकि कराड भी उगाही के मामले में आरोपी है. हालांकि मुंडे ने खुद मामले की सुनवाई फास्ट-ट्रैक कोर्ट में कराने की मांग की है. उन्होंने कहा, ''संतोष देशमुख की हत्या दुर्भाग्यपूर्ण है.


ऐसा अपराध समाज के लिए खतरा है और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए. घटना में शामिल लोगों को कड़ी सजा दिलाने के लिए फास्ट-ट्रैक कोर्ट में सुनवाई होनी चाहिए.''


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