अजित पवार को चुनाव से पहले झटका, ईश्वर बलबुद्धे शरद पवार गुट में शामिल
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. ये पहला विधानसभा चुनाव होगा जब एनसीपी के दो गुट अजित पवार और शरद पवार आमने-सामने होंगे.
महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद अजित पवार की पार्टी विधानसभा चुनाव में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. लेकिन इस बीच शरद पवार की पार्टी ने अजित पवार गुट में सेंध लगा दी है. महाराष्ट्र में चुनाव से पहले अजित पवार को झटका लगा है. ईश्वर बलबुद्धे ने इस्तीफा देकर शुक्रवार (20 सितंबर) को शरद पवार गुट का दामन थाम लिया.
अजित पवार की पार्टी के ओबीसी सेल के रिजनल को-ऑर्डिनेटर और रिजनल जेनरल सेक्रेटरी बलबुद्धे को जयंत पाटील ने पार्टी की सदस्यता दिलाई. इस दौरान महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख भी मौजूद रहे. एबीपी माझा के मुताबिक, बलबुद्धे ओबीसी आंदोलन के दौरान सक्रिय रहे हैं. उन्हें छगन भुजबल का करीबी माना जाता है.
एनसीपी में जब विभाजन हुआ था तब बलबुद्धे पार्टी के ओबीसी सेल के अध्यक्ष पद पर कार्यरत थे. जब अजित पवार ने शरद पवार से अलग होकर राजनीति शुरू की तो उन्होंने भी नए खेमे में जाने का फैसला लिया. अब उनकी एक तरह से 'घरवापसी' हुई है.
इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में शरद पवार गुट बलबुद्धे को कौन सी जिम्मेदारी देती है, ये देखना होगा. क्या वो विधानसभा चुनाव में हाथ आजमाएंगे, इसको लेकर भी आने वाले समय में तस्वीर साफ हो जाएगी.
इस बार का लोकसभा चुनाव अजित पवार की पार्टी के लिए निराशाजनक रहा. एनसीपी को महज एक सीट पर ही जीत हासिल हुई. सत्ता में होने के बावजूद अजित पवार अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को जिताने में कामयाब नहीं हो पाए. बारामती लोकसभा सीट पर सुनेत्रा पवार को अजित पवार की चचेरी बहन और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के हाथों हार का सामना करना पड़ा.
एनसीपी के सुनील तटकरे ही सिर्फ जीत हासिल कर पाए. वो अजित पवार गुट के एनसीपी के महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष हैं. लोकसभा चुनाव में मिली हार से सबक लेकर पार्टी नई ऊर्जा के साथ तैयारी कर रही है.