One Nation One Election: एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) के अजित पवार गुट ने बुधवार को कहा कि वह ‘‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’’ की अवधारणा का समर्थन करता है और उसने इसे अधिक समकालिक और कुशल चुनावी प्रक्रिया की ओर एक कदम बताया. वरिष्ठ एनसीपी नेताओं प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की. कोविंद लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ कराने पर एक समिति के अध्यक्ष हैं. एनसीपी नेताओं ने कोविंद को पार्टी की ओर से एक ज्ञापन सौंपा.
एनसीपी नेता ने क्या कहा?
पटेल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सांसद सुनील तटकरे जी के साथ पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी से मुलाकात का अवसर मिला और उन्हें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की ओर से एक ज्ञापन सौंपते हुए ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की अवधारणा के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की. यह अधिक समकालिक और कुशल चुनावी प्रक्रिया की ओर एक कदम है.’’
क्या है एक राष्ट्र-एक चुनाव (ओएनओई)?
एक राष्ट्र-एक चुनाव का मतलब सभी राज्यों के चुनाव लोकसभा के आम चुनावों के साथ-साथ हर पांच साल में एक बार होंगे. एक राष्ट्र, एक चुनाव के समर्थन में ये बात कही जाती है कि इससे चुनाव पर होने वाले खर्च कम हो जाएंगे. समय और संसाधनों की भी बचत होगी. यह विचार 1983 से ही अस्तित्व में है, जब चुनाव आयोग ने पहली बार इस पर विचार किया था. हालांकि, 1967 तक, भारत में एक साथ चुनाव आम बात थी. लोक सभा (लोकसभा) और सभी राज्य विधानसभाओं के पहले आम चुनाव 1951-52 में एक साथ आयोजित किए गए थे. यह प्रथा वर्ष 1957, 1962 और 1967 में हुए तीन बाद के आम चुनावों में भी जारी रही.
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