(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी भूचाल के संकेत, जयंत पाटिल से मिले अजित गुट के विधायक
Assembly Election 2024: विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र में सियासी हलचल तेज है. कल अजित पवार गुट के एनसीपी विधायकों ने जयंत पाटिल से मुलाकात की. ऐसे में अटकलों का बाजार गर्म है.
Sharad Pawar Vs Ajit Pawar: महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से चर्चा चल रही है कि अजित पवार गुट (एनसीपी) के कुछ विधायक वापस शरद पवार के गुट में शामिल हो सकते हैं. सूत्रों ने जानकारी दी है कि अजित पवार गुट के चार से पांच विधायकों ने जयंत पाटिल से मुलाकात की है. कुछ दिन पहले भी जयंत पाटिल ने दावा किया था कि एनसीपी के विधायक शरद पवार गुट के संपर्क में हैं.
ABP माझा के अनुसार, शरद पवार गुट के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल विधानमंडल के काम से आये थे. वहीं, जानकारी सामने आ रही है कि अजित पवार गुट के चार से पांच विधायकों ने एक दफ्तर में उनसे मुलाकात की. खबर है कि इस मुलाकात के दौरान जितेंद्र आव्हाड, राजेश टोपे और अनिल देशमुख भी मौजूद थे.
विधानसभा चुनाव से पहले अजित पवार को लगेगा झटका?
बताया जा रहा है कि जिन विधायकों ने जयंत पाटिल से मुलाकात की उनमें से दो नासिक इलाके के हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान प्याज का मुद्दा खूब गरमाया. इसका असर महायुति पर भी पड़ा. कई नेताओं को हार का सामना करना पड़ा.
क्या बोले रोहित पवार?
विधायक रोहित पवार ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की और कहा कि जयंत पाटिल एक अनुभवी नेता हैं. वे जानते हैं कि कब कौन सा कार्ड निकालना है. यह तो एक शुरूआत है. लोकसभा चुनाव के मौके पर यह बात सामने आ चुकी है कि शरद पवार महायुति के नेताओं से कहीं आगे हैं. जो भी अच्छा है उसका स्वागत है. लेकिन जिन विधायकों ने उन्माद फैलाया और जनभावना के खिलाफ स्टैंड लिया, उन पर फैसला शरद पवार और जयंत पाटिल लेंगे.
रोहित पवार ने कहा कि अब अजित पवार को जानबूझकर दरकिनार किया जा रहा है. बीजेपी अजित पवार के विधायकों को मैदान में उतारने की भूमिका सिर्फ शरद पवार के वोट खाने के लिए ही देखती है. लेकिन विधायक इतने खुले नहीं हैं. ऐसे में बीजेपी के साथ रहने पर अजित पवार को 20 से 22 सीटें मिलेंगी. यदि वे स्वतंत्र रूप से लड़ते हैं, तो उनके विधायक हर जगह खड़े होंगे, लेकिन वे केवल वोट खाने के लिए वहां होंगे और उनमें से कोई भी निर्वाचित नहीं होगा.
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