Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में महायुति की नई सरकार के गठन को लेकर हलचल तेज हो गई है. प्रदेश के राजनीतिक घटनाक्रम पर एनसीपी सांसद सुनील तटकरे ने कहा कि सामान्य प्रक्रिया के तहत गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को राज्य के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाया गया है और आजाद मैदान में 5 दिसंबर को शपथग्रहण समारोह होगा. उन्होंने ये भी दावा किया कि महायुति में कोई मतभेद नहीं है.
जब उनसे पूछा गया कि NCP से कितने मंत्री होंगे? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारे हिस्से कितने मंत्री पद आएंगे, इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है. एनसीपी ने अजित पवार को विधानसभा का नेता नियुक्त किया है, इसलिए वह 5 तारीख को डिप्टी सीएम की शपथ लेंगे.
अजित पवार के दिल्ली जाने के सवाल पर क्या बोले तटकरे?
अजित पवार के दिल्ली जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, ''मुझे अभी भी अजित पवार के दिल्ली आने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है. मैं पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष हूं लेकिन मुझे किसी बैठक के बारे में कुछ नहीं पता. अमित शाह के साथ बैठक में तय हुआ कि बीजेपी का ही मुख्यमंत्री बनेगा. किस पार्टी के पास कितने और कौन से विभाग होंगे, इस पर अभी कोई चर्चा नहीं हुई है.''
उन्होंने आगे कहा, ''मुझे इस बात की कोई हकीकत नहीं पता कि दिल्ली में फिर से महागठबंधन की बैठक होगी. बीजेपी विधायक दल की बैठक कल होगी, जिसके बाद कुछ चर्चा होगी. मुझे नहीं लगता कि अजित पवार को अमित शाह के साथ अलग से बैठक करने की जरूरत है. इस खबर में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है कि दो पार्टियां आगे बढ़ेंगी. तीनों पार्टियां भविष्य में आगे बढ़ेंगी.
शिंदे की नाराजगी की चर्चाएं बेबुनियाद- सुनील तटकरे
सुनील तटकरे ने ये भी कहा, ''एकनाथ शिंदे से नाराजगी किसकी है, इसका सवाल ही नहीं उठता. उन्होंने सफाई दे दी है, इसलिए ये चर्चाएं बेबुनियाद हैं. जिस दिन एकनाथ शिंदे, अजित दादा, मैं और प्रफुल्ल पटेल समेत हम सब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिले, उसी दिन तय हो गया था कि सीएम बीजेपी से होगा. शिंदे भी मीटिंग में शामिल थे इसलिए वो चैप्टर अब बंद हो गया है.
महायुति में कोई संघर्ष नहीं- सुनील तटकरे
जब उनसे पूछा गया कि ये भी अफवाहें हैं कि एकनाथ शिंहे साहब गृहमंत्रालय मांग रहे हैं, और श्रीकांत शिंदे को डिप्टी सीएम बनाया जाएगा. इस पर उन्होंने कहा, ''ये उनकी अपनी बात है, इस पर मैं टिप्पणी करना नहीं चाहता हूं. महायुति में कोई संघर्ष नहीं है. जो भी चल रहा है वो अच्छी तरह से चल रहा है. भारी बहुमत मिलने के बाद केंद्र की मदद से हम राज्य का विकास करेंगे.''
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