Ajit Pawar Pink Jacket Politics: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए अब डिप्टी सीएम और एनसीपी प्रमुख अजित पवार सक्रिय हो गए हैं और फिलहाल राज्य की महिला वोटर्स को साधने की पूरी तैयारी में लगे हैं. लाडकी बहीण योजना और अन्य जरिये से महिला मतदाताओं को रिझाने वाले अजित पवार ने अपना 'लुक' भी कुछ बदल लिया है. अजित पवार का ड्रेस कोड हालिया दिनों में बदला-बदला दिख रहा है. ऊपर से नीचे तक हमेशा सफेद कपड़ों में रहने वाले अजित पवार अब गुलाबी सदरी में दिखने लगे हैं. इसके पीछे क्या वजह है और उन्हें ये आइडिया किसने दिया अब ये सामने आ गया है. 


दरअसल, अजित पवार का इलेक्शन कैम्पेन 'डिजाइन बॉक्स्ड' संभाल रहा है. नरेश अरोड़ा पॉलिटिकल मैनेजमेंट फर्म 'डिजाइन बॉक्स्ड' के संचालक हैं, जिन्होंने कर्नाटक और राजस्थान चुनाव में कई इलेक्शन कैंपेन किए हैं. फिलहाल, वह महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार के साथ काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि अजित पवार ने अपना लुक क्यों बदला है?


इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में नरेश अरोड़ा से पूछ गया कि अजित पवार एक ऐसा नेता रहे हैं, जो हमेशा से सफेद कपड़े पहनते थे. कई साल तक उन्होंने और कोई रंग नहीं पहना, लेकिन अब वह गुलाबी सदरी में दिखते हैं और पहले से कई ज्यादा हंसने लगे हैं. क्या ये नरेश अरोड़ा की ही प्लानिंग है? इस पर उन्होंने कहा कि अजित पवार की तो वह है, जो उन्होंने बीते 30 साल से छुपा कर रखी थी.


क्या है अजित पवार का 'गुलाबी आंदोलन'?
नरेश अरोड़ा ने बताया कि अजित पवार की ये पिंक जैकेट अचानक से नहीं आई है. उन्होंने यही जैकेट बजट पेश करते हुए भी पहनी थी. यही रंग अब आज कल वह पहन रहे हैं. अजित पवार फिलहाल सरकार की 'लाडकी बहीण योजना' को प्रमोट कर रहे हैं. पिंक जैकेट की अवधारणा भी यही है कि महाराष्ट्र की महिला वोटर्स उनसे जुड़ेंगी. 


महाराष्ट्र की जनता कनेक्ट कर पाएगी कि अजित पवार वही व्यक्ति हैं जिन्होंने राज्य का बजट पेश किया था और ये वही नेता हैं जो प्रदेश की 2 करोड़ महिलाओं का सपना पूरा कर रहे हैं. 


'पिंक पॉलिटिक्स' का विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा असर?
गौरतलब है कि अजित पवार की एनसीपी लोकसभा चुनाव में संतोषजनत प्रदर्शन नहीं कर पाई थी. हालांकि, अब विधानसभा चुनाव से पहले अजित पवार ने कुछ नया करते हुए 'पिंक पॉलिटिक्स' अपनाई है. अब ये तो आने वाले विधानसभा चुनाव के परिणाम में पता चल सकेगा कि ये गुलाबी आंदोलन अजित पवार के कितने काम आएगा?


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