Pune Accident Case: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने खुलासा किया है कि मई में पुणे में कथित तौर पर एक नाबालिग की पोर्श कार से हुई दुर्घटना के बाद पुलिस ने एनसीपी विधायक सुनील टिंगरे से तीन से चार घंटे तक पूछताछ की थी. हालांकि, पवार ने दावा किया कि दुर्घटना के बाद के घटनाक्रम में उनके पार्टी सहयोगी की कोई भूमिका नहीं थी.


पुणे हिट एंड रन का मामला
पुणे शहर के वडगांव शेरी से विधायक टिंगरे को दुर्घटना की जांच को प्रभावित करने और नाबालिग चालक को बचाने की कथित कोशिश के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है, खासकर इसलिए कि वह 19 मई की सुबह हुई दुर्घटना के बाद मामले की जांच कर रहे यरवडा पुलिस थाने गए थे. इस दुर्घटना में मोटरसाइकिल सवार दो आईटी पेशेवरों की मौत हो गई थी.


इस दुर्घटना का जिक्र करते हुए अजित पवार ने रविवार को पार्टी के एक कार्यक्रम में कहा कि पुणे में कुछ ऐसी घटनाएं हुईं, जिनसे शहर की बदनामी हुई. उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उस मामले (पोर्श दुर्घटना) में सुनील (टिंगरे) को तीन से चार घंटे तक पूछताछ का सामना करना पड़ा. उस पूछताछ में सुनील ने (पुलिस को) जो कुछ भी हुआ, उसे बहुत स्पष्ट रूप से बताया, क्योंकि उनका उस मामले से कोई संबंध नहीं था. बिना किसी कारण के कुछ लोगों ने उनका नाम मामले से जोड़ने की कोशिश की.’’


पवार ने तर्क दिया कि विधायक होने के नाते अगर किसी को अपने निर्वाचन क्षेत्र में किसी घटना के बारे में पता चलता है, तो मौके पर जाना उनकी जिम्मेदारी है. टिंगरे ने उन आरोपों का खंडन किया कि उन्होंने दुर्घटना मामले में किशोर आरोपी को बचाने के लिए हस्तक्षेप करने की कोशिश की थी.


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