Maharashtra: 2024 में NCP का टिकट चाहने वालों को अजित पवार ने दिया बड़ा संकेत- 'जिनकी जीत की संभावना सबसे...'
Ajit Pawar: पवार ने मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर राज्य की गठबंधन सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा वैसे तो ये राज्य सरकार का विशेषाधिकार है, लेकिन वे महिलाओं को प्रतिनिधित्व नहीं देना चाहते.
Lok Sabha Election 2024: एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने सोमवार को कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों को टिकट आवंटित करते समय उनकी योग्यता को ध्यान में रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि 'जीत की संभावना' के आधार पर कैंडिडेट चुन जाएंगे. इसके साथ शिरूर लोकसभा सीट पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि शिरूर लोकसभा सीट पर वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा के बाद फैसला लिया जाएगा, वर्तमान में इस सीट से एनसीपी नेता अमोल कोल्हे सांसद हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव इस सीट पर दावेदारी पेश करने के लिए एनसीपी नेता विलास लांडे और अमोल कोल्हे में लड़ाई चल रही है.
2019 में इस सीट पर कोल्हे ने जीता था चुनाव
2019 के चुनावों में कोल्हे ने इस सीट पर बीजेपी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने वाली शिवसेना उम्मीदवार शिवाजीराव अधलराव पाटिल को हराया था. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर महा विकास अघाड़ी गठबंधन बनाया था. पवार ने संवाददाताओं को समीक्षा बैठक के बारे में बताया जिसमें 9 जून को पार्टी के स्थापना दिवस के मौके पर अहमदनगर में होने वाली एक सार्वजनिक रैली की तैयारियों पर चर्चा हुई. अजित पवार ने कहा कि लोकसभा चुनाव में योग्यता के आधार पर ही उम्मीदवारों को टिकट दिया जाएगा.
बीजेपी द्वारा ओबीसी प्रकोष्ठ सम्मेलन को नौटंकी बताने पर क्या बोले पवार
वहीं महाराष्ट्र बीजेपी प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले द्वारा एनसीपी के ओबीसी प्रकोष्ठ के सम्मेलन को नौटंकी करार देने पर पवार ने कहा कि एनसीपी के विरोधियों से पार्टी के बारे में अच्छा बोलने की उम्मीद नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि यह एमवीए ही थी जिसने ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
'वे मंत्रिमंडल में महिलाओं को प्रतिनिधित्व नहीं देना चाहते'
पवार ने मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर राज्य की गठबंधन सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि हालांकि ये राज्य सरकार का विशेषाधिकार है, वो सोच रहे होंगे की 20 मंत्रियों का मंत्रिमंडल अच्छा काम कर रहा है, उन्हें मंत्रिमंडल में महिलाओं को प्रतिनिधित्व ना देना उचित लग रहा होगा. बता दें कि बीजेपी-शिंदे सरकार पिछले साल 9 अगस्त को 18 मंत्रियों को शामिल किया गया था, जबकि नियमों के मुताबिक मंत्रिपरिषद में अधिकतम 43 सदस्य हो सकते हैं.