Ajit Pawar on Gautam Adani: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच एनसीपी चीफ अजित पवार ने एक ऐसा बयान दे दिया है जिससे राजनीतिक बवाल मच गया है. दरअसल, अजित पवार की ओर से यह दावा किया जा रहा है कि पांच साल पहले बिजनसमैन गौतम अडाणी बीजेपी और एनसीपी (अविभाजित) के बीच हुई उन चर्चाओं में शामिल थे, जिसकी वजह से उद्धव ठाकरे की एमवीए सरकार गिर गई थी.
अजित पवार उस मुलाकात की बात कर रहे थे, जिसके तुरंत बाद उन्होंने चाचा शरद पवार का साथ छोड़ कर बीजेपी को समर्थन दिया था और साल 2019 में देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री रहते खुद को डिप्टी सीएम के पद पर पहुंचा दिया था. न्यूजलॉन्ड्री को दिए एक इंटरव्यू में अजित पवार यह कहते सुनाई दे रहे हैं, "अमित शाह, गौतम अडाणी, प्रफुल पटेल, देवेंद्र फडणवीस, पवार साहेब, सब वहीं मौजूद थे. यह डिस्कशन सबके साथ हुआ था."
'अडाणी को जाएंगे महायुति के सारे वोट'- संजय सिंह
इसको लेकर आम आदमी पार्टी संजय सिंह ने भी बड़ा दावा किया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर न्यूजलॉन्ड्री के वीडियो को शेयर करते हुए संजय सिंह ने लिखा, "अजित पवार ने बहुत चौंकाने वाला खुलासा किया है. MVA सरकार गिराने का काम अडाणी ने किया था. महाराष्ट्र की जनता सावधान अगर आपने BJP-शिंदे-अजित पवार को वोट दिया तो आपका एक-एक वोट अडाणी के काम आएगा. क्या आप अडाणी के हाथों महाराष्ट्र को लुटने के लिए वोट देंग? नहीं तो BJP को हराइये."
बीजेपी का साथ देने पर क्या बोले अजित पवार?
एनसीपी और बीजेपी के बीच वैचारिक मतभेद को बावजूद अजित पवार ने बीजेपी को समर्थन दिया. जब एनसीपी चीफ से यह सवाल किया गया कि उन्होंने ऐसा क्यों किया तो पवार ने कहा कि 2014 में बीजेपी को एनसीपी का बाहरी समर्थन मिला था, तभी वह सरकार बना सकी थी. उन्होंने कहा, " साल 2014 में जब विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे, तब एनसीपी प्रवक्ता प्रफुल्ल पटेल ने घोषणा की थी कि हम बीजेपी को बाहर से समर्थन देंगे."
शरद पवार ने क्यों नहीं दिया बीजेपी का साथ?
यह पूछे जाने पर कि सीनियर पवार (शरद पवार) बाद में बीजेपी को समर्थन देने से पीछे क्यों हट गए थे? अजित पवार ने जवाब दिया कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. अजित पवार ने कहा, "पवार साहब एक ऐसे नेता हैं जिनके दिमाग को दुनिया में कोई नहीं पढ़ सकता. मेरी चाची (शरद पवार की पत्नी प्रतिभा) या सुप्रिया सुले भी उनका दिमाग नहीं पढ़ सकते."
बता दें, शरद पवार ने साल 2019 में बीजेपी के पावर शेयरिंग पर चर्चा में किसी भी तरह की भागीदारी से लगातार इनकार किया है. बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस ने पिछले साल आरोप लगाया था कि शरद पवार ने 2017 और 2019 के बीच बीजेपी के साथ कई बैठकें की थीं.
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