Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार ने बीड में हुई सभा में एलान किया है कि वह जिले के संरक्षक मंत्री का पद एनसीपी पार्टी को देंगे. सुनील तटकरे, प्रफुल्ल पटेल और मैंने चर्चा की है. अजित पवार ने उन दावों पर भी टिप्पणी की जिसमें कहा जा रहा था कि उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों के डर से सरकार से हाथ मिला लिया. अजित पवार ने कहा कि ईडी के डर से सत्ता में नहीं आये. हम विकास के लिए महायुति सरकार में गये हैं. इस बात में कोई सच्चाई नहीं है कि हमारा कोई स्वार्थ है. हम बिना वजह अलग-अलग बातें करते हैं.
उन्होंने कहा कि अनुभव को देखते हुए, हमने हमेशा काम पर ध्यान केंद्रित किया है. मराठवाड़ा को पानी देने का निर्णय लिया गया है, चाहे इसके लिए एक लाख करोड़ रुपये ही क्यों न लगें. कुछ लोगों ने धनंजय मुंडे की आलोचना की लेकिन मैं इसके बारे में बात नहीं करूंगा क्योंकि मैं एक कामकाजी आदमी हूं. सुबह जल्दी काम शुरू कर देते हैं क्योंकि मेरा काम मेरा पैशन है.
डिप्टी सीएम ने कहा कि धनंजय मुंडे 2012 से मेरे साथ काम कर रहे हैं. अब उनके साथ लड़ने का समय आ गया है. 2014 से वो एक अच्छे विपक्ष के नेता के रूप में कार्यरत हैं. उन्होंने उन जगहों के नाम बदलने का काम किया जो जाति आधारित थे. क्षेत्र के मुद्दों को हल करने की आवश्यकता है. मंत्रालय में बैठ कर बैठकें ले रहा हूं और काम कर रहा हूं
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य एकमत हैं. पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से अच्छी तरह परिचित हैं. इसका फायदा उठाना चाहिए हैं. अच्छे काम करने होंगे.
महाराष्ट्र को होगा फायदा''
मुंबई से लगभग 390 किलोमीटर दूर बीड में एक रैली को संबोधित करते हुए पवार ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करिश्मे से धर्मनिरपेक्ष विचारों पर चलने वाले महाराष्ट्र को फायदा होगा.
गौरतलब है कि अजित पवार के चाचा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने 10 दिन पहले ही बीड में एक रैली को संबोधित किया था.