Election Commision: एनसीपी पार्टी (NCP) में फूट के बाद अजित पवार गुट (Ajit Pawar Faction) ने पार्टी सिंबल और पार्टी पर दावा किया है. 30 जून को अजित पवार गुट की ओर से भारत चुनाव आयोग को भी एनसीपी अध्यक्ष बदले जाने की जानकारी दी गई थी. इसके बाद चुनाव आयोग ने एनसीपी के दोनों गुटों को नोटिस भेजा है. चुनाव आयोग ने कहा है कि पार्टी के नाम और सिंबल को लेकर भेजे गए नोटिस का तीन हफ्ते के अंदर जवाब दिया जाए.
चुनाव आयोग ने दोनों गुटों को भेजा नोटिस
दरअसल, अजित पवार गुट ने पार्टी छोड़ दी थी और बीजेपी (BJP) के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) को समर्थन दिया था. इसके बाद भारत चुनाव आयोग ने एनसीपी के दोनों गुटों को नोटिस भेजा. आयोग ने संबंधित नोटिस का जवाब 17 अगस्त तक देने को कहा था. लेकिन शरद पवार गुट (Sharad Pawar Faction) ने संबंधित नोटिस का जवाब देने के लिए चुनाव आयोग से चार सप्ताह का समय मांगा था.
जवाब देने की तारीख बढ़ा दी गई
लेकिन चुनाव आयोग ने इसकी अवधि तीन हफ्ते बढ़ा दी है. इसलिए अब उन्हें 8 सितंबर को दोनों समूहों को संबंधित नोटिस का जवाब देना होगा. इससे पहले अजित पवार गुट की ओर से चुनाव आयोग को कुछ दस्तावेज सौंपे गए हैं. इसमें अजित पवार गुट ने एनसीपी के नाम और पार्टी चिन्ह पर दावा किया है.
अजित पवार ने कर दी थी एनसीपी में बगावत
2 जुलाई को अजित पवार समेत करीब 40 एनसीपी विधायकों ने पार्टी छोड़ दी और शिंदे-फडणवीस सरकार (Eknath Shinde-Devendra Fadnavis Government) को समर्थन दिया. अजित पवार के अचानक सत्ता में आते ही पूरे महाराष्ट्र में उत्साह फैल गया. सत्ता में आने के बाद पहले ही दिन अजित पवार के गुट के 9 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली.
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