Maharashtra Politics: बुधवार (21 जून) को विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार ने एनसीपी की कैडर बैठक में कहा, मैं मंच पर मौजूद गणमान्य लोगों को बताना चाहता हूं कि मुझे विपक्ष के नेता के पद में ज्यादा दिलचस्पी नहीं है. लेकिन विधायक के आग्रह पर मैंने यह पद स्वीकार कर लिया. मैं एक साल से इस पद पर काम कर रहा हूं. लेकिन अब कुछ लोग कह रहे हैं कि मैं सख्त नहीं हूं. अब मैं क्या करूं? अब मुझे नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी से मुक्त करें.
क्या बोले अजित पवार?
अजित पवार ने जब यह मांग उठाई तो मंच पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार समेत पार्टी के नवनियुक्त कार्यकारी अध्यक्ष सांसद प्रफुल्ल पटेल, सांसद सुप्रिया सुले और प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल मौजूद थे. इसको लेकर तरह-तरह की राजनीतिक चर्चाएं छिड़ गई हैं. अजित पवार के बयान पर कल (21 जून) से ही अलग-अलग राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं. इस पर एनसीपी के महाविकास अघाड़ी के सहयोगी दल ठाकरे समूह ने भी प्रतिक्रिया दी है.
अंबादास दानवे का बयान
ठाकरे गुट के नेता और विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि अजित पवार ने पार्टी में काम करने की इच्छा जताई है. पार्टी संगठन के काम और विधायिका के काम में निश्चित रूप से अंतर होता है. निश्चय ही इन दोनों का दायरा और दायरा अलग-अलग है. मैं पार्टी संगठन में भी काम कर रहा हूं और विधानमंडल में भी काम कर रहा हूं. आगामी चुनाव के लिहाज से भी संगठन में काम अहम है.
अजित पवार की नाराजगी की चर्चा हो रही है, इस पर आपका क्या कहना है? जब मीडिया प्रतिनिधियों ने यह सवाल पूछा तो अंबादास दानवे ने कहा, अगर अजित पवार पार्टी संगठन में काम करना चाहते हैं तो इसका मतलब यही होना चाहिए. इसे नाराजगी के तौर पर समझने की जरूरत नहीं है.' क्योंकि पार्टी संगठन का काम भी बहुत महत्वपूर्ण है.