Maharashtra: शिंदे सरकार पर भड़के उद्धव गुट के अंबादास दानवे, कहा- 'अस्पताल के डीन को नहीं पता वार्ड कहां है'
Chandrapur News: उन्होंने कहा कि अस्पताल में सर्जरी करने के लिए मूलभूत और जरूरी उपकरणों की कमी है. मरीजों के ठीक ना होने पर डॉक्टरों को मरीजों के परिजनों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है.
![Maharashtra: शिंदे सरकार पर भड़के उद्धव गुट के अंबादास दानवे, कहा- 'अस्पताल के डीन को नहीं पता वार्ड कहां है' Ambadas Danve said Medical College of Chandrapur is struggling with lack of necessary equipment Maharashtra: शिंदे सरकार पर भड़के उद्धव गुट के अंबादास दानवे, कहा- 'अस्पताल के डीन को नहीं पता वार्ड कहां है'](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/02/14/173af1e64c8f795efb8cd50d4f6c64181676367978440651_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Chandrapur Government Medical College and Hospital: महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे (Ambadas Danve) ने महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि चंद्रपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज (Chandrapur Govt Medical College) और अस्पताल में मरीजों के इलाज के लिए जरूरी उपकरणों की कमी है. शिवसेना (UBT) के नेता अंबादास दानवे ने मंगलवार को राज्य सरकार द्वारा संचालित इस अस्पताल का दौरा किया और अस्पताल के डीन डॉ. अशोक निटनवरे, मरीजों और मेडिकल छात्रों से मुलाकात की.
'डीन को ना वार्ड का पता न दवाइयों की खबर'
अंबादास दानवे ने बीजेपी नेता और चंद्रपुर के संरक्षक मंत्री सुधीर मुनगंटीवार को टैग करते हुए ट्वीट किया और आरोप लगाया कि अस्पताल के डीन को यह भी नहीं पता कि वार्ड कहां है और अस्पताल में कौन-कौनसी दवाएं उपलब्ध हैं या नहीं हैं.
'ऐसी स्थिति में कैसे काबिल डॉक्टर बनेंगे छात्र'
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अस्पताल में सर्जरी करने के लिए मूलभूत और जरूरी उपकरणों की कमी है. मरीजों के ठीक ना होने पर डॉक्टरों को मरीजों के परिजनों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है. इस तरह के हालातों में मेडिकल छात्र काबिल डॉक्टर कैसे बनेंगे.
छात्र बोले- एनेस्थीसिया देने के लिए बुनियादी चीजें भी नहीं
इसके अलावा मेडिकल कॉलेज के कुछ छात्रों ने अंबादास दानवे से मुलाकात की और कहा कि अस्पताल में सीटी स्कैन और अल्ट्रासोनोग्राफी करने के लिए मशीनों की कमी है. उन्हीं में से एक छात्र ने अंबादास दानवे को बताया कि कॉलेज में मरीजों को एनेस्थीसिया देने के लिए बुनियादी चीजें भी नहीं हैं. वहीं, एक अन्य छात्र ने कहा कि यदि कोई मशीन खराब हो जाती है तो उसे प्राथमिता के साथ ठीक तक नहीं किया जाता जिससे उन्हें मरीज को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करना पड़ता है. वहीं इस दौरार कॉलेज के डीन ने उनसे कहा कि अस्पताल के लिए जरूरी समानों को खरीदने की प्रक्रिया चल रही है.
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