Citizenship Amendment Act: गृह मंत्री अमित शाह ने CAA के मुद्दे पर महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और शिवसेना (UBT) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को घेरा है. अमित शाह ने कहा, 'मेरा उद्धव जी से रिक्वेस्ट है कि कानून (CAA) चाहिए या नहीं चाहिए पहले वो साफ करें. क्या उद्धव जी बोल सकते हैं कि कानून नहीं आना चाहिए. मैं आह्वान करता हूं कि वो देश की जनता और महाराष्ट्र की जनता के सामने ये स्पष्ट करें कि CAA नहीं होना चाहिए. हिन्दू शरणार्थियों को, बौद्ध शरणार्थियों को नागरिकता नहीं मिलनी चाहिए.'


अमित शाह ने आगे कहा, उनको अल्पसंख्यकों के वोट चाहिए इसलिए आज उद्धव ठाकरे तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं. हम नहीं कर रहे हैं. हमारा पहले दिन से ही स्टैंड क्लियर है. भारत के कटे हुए हिस्से से जो शरणार्थी आये हैं. इन तीन देशों से जो धार्मिक प्रताड़ना के कारण आये हैं, वहां के जो अल्पसंख्यक आये हैं उन्हें इस देश की नागरिकता देनी चाहिए.






क्या है CAA कानून?
सीएए का उद्देश्य बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम प्रवासियों के लिए भारतीय नागरिकता प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाना है. यह कानून 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश करने वाले सभी प्रवासियों पर लागू होता है. 2019 के संशोधन के अनुसार, जो प्रवासी 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आए और अपने मूल देश में "धार्मिक उत्पीड़न या धार्मिक उत्पीड़न के डर" का सामना किया, वे शीघ्र नागरिकता के लिए पात्र हैं. बता दें, केंद्र सरकार ने जबसे CAA कानून लाया है इसकी टाइमिंग को लेकर विपक्ष लगातार बीजेपी पर हमला बोल रहा है. इस कानून की कई नेताओं ने आलोचना की है.


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