Anil Deshmukh Document Leak Case: स्पेशल कोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) से जुड़े पेपर लीक मामले में सीबीआई के पूर्व अधिकारी को सशर्त जमानत दे दी है. पूर्व सब इंस्पेक्टर अभिषेक तिवारी पर कथित तौर पर क्लीनचिट देने वाली जांच एजेंसी की प्रारंभिक जांच (पीई) रिपोर्ट लीक करने का आरोप लगा था.


स्पेशल कोर्ट के जस्टिस संजीव अग्रवाल ने यह कहते हुए तिवारी को जमानत प्रदान की कि इस मामले में करीब-करीब समान भूमिका वाले सह-आरोपी- देशमुख के वकील आनंद डागा और उनके सोशल मीडिया मैनेजर गजेन्द्र तुमाने- को पहले ही जमानत दी जा चुकी है.


कोर्ट ने गत 11 फरवरी को जारी अपने आदेश में तिवारी को एक लाख रुपये के जमानती बॉन्ड और इतनी ही राशि के एक मुचलके की शर्त पर जमानत दी. कोर्ट ने इस बात का भी संज्ञान लिया कि अभियुक्त करीब पांच महीने से न्यायिक हिरासत में हैं.


बिना इजाजत नहीं छोड़ेंगे देश


जस्टिस ने पूर्व सब इंस्पेक्टर को यह भी निर्देश दिया कि वह जरूरत पड़ने पर जांच एजेंसी के समक्ष उपस्थित होंगे और कोर्ट की पूर्व-अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ेंगे. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सबूतों से छेडछाड़ न करने का भी पूर्व सब इंस्पेक्टर को निर्देश दिया है.


गत वर्ष 29 अगस्त को सीबीआई की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट कथित तौर पर मीडिया में लीक हो गयी थी. रिपोर्ट में उल्लेख किया गया था कि जांच एजेंसी इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि अनिल देशमुख ने कोई संज्ञेय अपराध नहीं किया. 


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