AAP से नाता तोड़ने के बाद अंजलि दमानिया का बड़ा फैसला, राजनीतिक पार्टी बनाएंगी सोशल एक्टिविस्ट
Anjali Damania News: सोशल एक्टिविस्ट अंजलि दमानिया ने कहा कि मैं एक राजनीतिक पार्टी बनाने जा रही हूं. जिसके नाम और सिंबल का ऐलान जल्द से जल्द किया जाएगा. पहले वो AAP से जुड़ी हुई थीं.
Anjali Damania Will Form Political Party: सोशल एक्टिविस्ट अंजलि दमानिया ने राजनीतिक पार्टी बनाने का बड़ा फैसला लिया है. आम आदमी पार्टी छोड़कर दमानिया अब फिर राजनीतिक पार्टी का गठन करने जा रही हैं. वो आम आदमी पार्टी (AAP) की पूर्व मुंबई अध्यक्ष रह चुकी हैं. AAP से नाराज होकर उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी.
अंजलि दमानिया एक सोशल एक्टिविस्ट के तौर पर भ्रष्टाचार के मामलों के खिलाफ आवाज उठाती रही हैं. एनसीपी नेता छगन भुजबल हो या फिर अजित पवार, उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर वो लड़ाई लड़ती आ रही हैं.
पार्टी के नाम और सिंबल का ऐलान जल्द- अंजलि दमानिया
अब अंजलि दमानिया कहना है कि अगर हम इन जैसे बड़े लोगों के भ्रष्टाचार से लड़ सकते हैं तो हमें राजनीति में आना पड़ेगा और इसके लिए पार्टी बनाने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ''मैं एक राजनीतिक पार्टी बनाने जा रही हूं. जिसके नाम और सिंबल का ऐलान जल्द से जल्द किया जाएगा.''
मनी पावर के दम पर चुनाव लड़ रही सभी पार्टियां-अंजलि दमानिया
अंजलि दमानिया का आरोप है कि आज जो भी राजनीतिक दल हैं, वह चुनाव मसल्स पावर और मनी पावर के दम पर लड़ रही हैं. उन्होंने कहा, '' देश में जिस तरह का विकास होना चाहिए, वह नहीं हो रहा है. राजनीति की आड़ में भ्रष्टाचार पनप रहा है और तमाम कोशिशों के बाद भी वह रुक नहीं रहा.''
उन्होंने आगे कहा, ''उनके पास महाराष्ट्र के तमाम लोगों के निवेदन आए और अब वह एक स्वच्छ और समाज के हित वाली राजनीतिक पार्टी का गठन करने जा रहे हैं. जिसमें महाराष्ट्र के कोने-कोने के लोग शामिल होंगे और सहयोग करेंगे.''
अंजलि दमानिया ने AAP से नाता क्यों तोड़ा?
अंजलि जमानिया ने बताया कि आम आदमी पार्टी (AAP) का जब गठन हुआ तो उसमें शामिल हुई थी लेकिन आज वह पार्टी भी तमाम ऐसे लोगों के साथ जुड़ गई है जो भ्रष्टाचार में शामिल हैं. यही वजह थी कि उन्होंने आम आदमी पार्टी का साथ छोड़ा था.
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद जल्द ही बीएमसी समेत तमाम महानगरपालिकाओं के चुनाव होने हैं और अंजलि दमानिया उसमें अपनी पार्टी के सिंबल के साथ चुनाव भी लड़ सकती हैं.
ये भी पढ़ें:
महाराष्ट्र की रोचक जंग, अजित पवार चाचा शरद पवार पर पड़े भारी, तो शिंदे ने उद्धव गुट को पीछे छोड़ा